कानपुर। साल 2018 का राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विराट कोहली और मीराबाई चानू को मिलने से विवाद खड़ा हो गया। भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने इन नामों पर आपत्ति दर्ज करा दी। बजरंग का कहना है उन्होंने पिछले कुछ सालों में भारत को कई गोल्ड मेडल दिलवाए मगर उन्हें यह अवार्ड नहीं दिया गया। बजरंग अब इस मामले को कोर्ट लेकर जा रहे हैं। खैर खेल प्रेमियों के लिए इस विवाद से इतर यह समझना जरूरी है, आखिर राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार क्या होता है, किसे दिया जाता और क्यों दिया जाता है...आइए जानते हैं।
क्या होता है राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार
खेल मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार होता है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर इस पुरस्कार का नाम रखा गया है। हर साल भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को यह दिया जाता है, हालांकि अवार्ड पाने वाले खिलाड़ी का चयन कई मापदंडो के आधार पर होता है। यह पुरस्कार जीतने वाला खिलाड़ी किसी भी फील्ड का हो सकता है।
क्यों दिया जाता है
भारत सरकार हर साल अपने देश के खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें 'राजीव गांधी खेल रत्न' अवार्ड से सम्मानित करती है। यह पुरस्कार एक ही बार दिया जाता है हालांकि मापदंडों पर अगर एक से ज्यादा खिलाड़ी खरे उतरते हैं तो उन्हें संयुक्त रूप से इस पुरस्कार से नवाजा जाता है। इसके लिए खिलाड़ी की पिछले चार साल की परफॉर्मेंस देखी जाती है।
अवार्ड के रूप में क्या मिलता है
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्राप्त करने वाले को पदक और प्रशस्ति पत्र के अतिरिक्त 7.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाता है।
सबसे पहला अवार्ड किसे मिला
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991 में हुई थी और सबसे पहला अवार्ड भारतीय चेस मास्टर विश्वनाथ आनंद को मिला था।
कुल कितने खिलाड़ियों को मिला
1991 से लेकर 2018 तक कुल 36 खिलाड़ियों को यह पुरस्कार मिल चुका है। इसमें एक साल में कुछ संयुक्त खिलाड़ी भी रहे हैं।
दो साल रहे खाली
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार वैसे तो हर साल दिया जाता है मगर 2008 और 2014 ऐसे दो साल रहे जब किसी भी भारतीय खिलाड़ी को देश का सर्वोच्च खेल पुरस्कार नहीं मिला।
कोहली यह अवार्ड पाने वाले तीसरे क्रिकेटर
2018 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पाते ही विराट कोहली यह अवार्ड पाने वाले तीसरे क्रिकेटर बन जाएंगे। कोहली से पहले यह पुरस्कार 2007 में महेंद्र सिंह धोनी और 1997 में सचिन तेंदुलकर को मिला था।
भारत में खेल के कितने होते हैं अवार्ड
अर्जुन पुरस्कार
राजीव गांधी खेल रत्न के बाद दूसरा सबसे बड़ा अवार्ड अर्जुन पुरस्कार होता है। यह भी खिलाड़ियों की पिछली चार साल की परफॉर्मेंस के आधार पर दिया जाता है। अर्जुन पुरस्कार की शुरुआत 1961 में हुई थी। अब तक 700 खिलाड़ियों को इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। इसमें खिलाड़ी को लघु प्रतिमा, प्रमाण पत्र और पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलता है।
द्रोणाचार्य पुरस्कार
जैसा कि नाम से पता चलता है यह पुरस्कार खिलाड़ी नहीं बल्कि उनके कोच को दिया जाता है। वो खेल प्रशिक्षक जो मेडल विजेताओं को तैयार करते हैं उन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 1985 में हुई थी। अब तक कुल 104 गुरुओं को यह अवार्ड मिल चुका है। इसमें कोच को लघु प्रतिमा, प्रमाण पत्र और पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलता है।
ध्यान चंद पुरस्कार
जिन लोगों ने खेल के विकास के लिए पूरी जिंदगी सहयोग किया उन्हें इस अवार्ड से सम्मानित किया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत 2002 में हुई थी। अब तक कुल 51 लोगों को यह सम्मान मिल चुका है। इसमें भी लघु प्रतिमा, प्रमाण पत्र और पांच लाख रुपए का नकद पुरस्कार मिलता है।
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