जवाहरलाल नेहरू की बहन थीं विजया लक्ष्मी
विजय लक्ष्मी पंडित भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु की बहन थीं। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में विजय लक्ष्मी पंडित ने अपना अमूल्य योगदान दिया। विजया का जन्म 18 अगस्त 1900 को गांधी-नेहरू परिवार में हुआ था। उनकी शिक्षा-दीक्षा मुख्य रूप से घर में ही हुई। 1921 में उन्होंने काठियावाड़ के सुप्रसिद्ध वकील रणजीत सीताराम पंडित से विवाह कर लिया।
गांधी जी से प्रभावित थीं विजया लक्ष्मी
गांधीजी से प्रभावित होकर उन्होंने भी आज़ादी के लिए आंदोलनों में भाग लेना आरम्भ कर दिया। उनके पति को भारत की स्वतंत्रता के लिए किये जा रहे आन्दोलनों का समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार करके लखनऊ की जेल में डाला गया जहाँ 1 दिसम्बर 1990 को उनका निधन हो गया। 1979 में यूनाइटेड ह्यूमन राइटस कमीशन में उन्हें इंडियान रिप्रजेंटेटिव नियुक्त किया गया था।
ग्रामीण सभ्यता पर विजया ने की थी रिसर्च
विजय लक्ष्मी ने 1952 में ग्रामीण सभ्यता व संस्कृति के परिचय हेतु राजस्थान के बाडमेर जिले के सांस्कृतिक गांव बिसाणिया में 'मालाणी डेलूओं की ढाणी' का ऐतिहासिक दौरा किया था। वो केबिनेट मंत्री बनने वाली प्रथम भारतीय महिला थीं। 1937 में वो संयुक्त प्रांत की प्रांतीय विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं और स्थानीय स्वशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री के पद पर नियुक्त की गईं।
संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष
1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली विजया लक्ष्मी पंडित विश्व की पहली महिला थीं। वे राज्यपाल और राजदूत जैसे कई महत्त्वपूर्ण पदों पर रहीं। उन्होंने इन्दिरा गांधी द्वारा लागू आपतकाल का विरोध किया था और जनता दल में शामिल हो गईं थी। 1962 से 1964 तक उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल का पद संभाला।
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