पीटीआई के अनुसार सीलबंद लिफ़ाफ़े में ऐसी पेशकश की गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के ख़िलाफ़ केस करने वाले 17 बैंको के समूह को एक हफ़्ते के अंदर अपना जवाब देने को कहा है।

माल्या पर बैंको का 9000 करोड़ रुपये का कर्ज़ है।

जब ये मामला भड़का तो अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 9 मार्च को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि माल्या 2 मार्च को ही देश छोड़ चुके हैं।

बैंकों ने माल्या का पासपोर्ट जब्त करने संबंधी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दी थी।

माल्या ने ट्वीट कर कहा था, “मैं अंतरराष्ट्रीय कारोबारी हूं। मैं भारत आता-जाता रहता हूं। मैं भारत से भागा नहीं हूं और न ही मैं भगोड़ा हूं।”

बैंकों ने कर्ज़ वसूली ट्रिब्यूनल में कर्ज़ नहीं चुकाने को लेकर माल्या के ख़िलाफ़ कार्रवाई की अपील की थी।

जिसके बाद अमरीकी कंपनी डियाजिओ से मिले 7।5 करोड़ डॉलर यानी करीब 504 करोड़ रुपए निकालने पर रोक लग गई थी।

ट्रिब्यूनल ने कहा था कि भारतीय स्टेट बैंक के साथ मामला सुलझने तक रकम निकालने पर पाबंदी बनी रहेगी।

माल्या ने 2013 में अपनी कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड (यूएएल) में बड़ी हिस्सेदारी डियाजिओ को बेच दी थी।

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