दीवार
शशि कपूर के भतीजे ऋषि कपूर ने अपनी आत्मकथा में लिखा था, अमिताभ बच्चन को हम जैसे कई स्टार्स ने मिलकर बड़ा बनाया है। ज़ाहिर है ऋषि का इशारा उनके साथ सपोर्टिंग रोल को लेकर था। और अमिताभ को बड़ा करने में शशि कपूर का अहम योगदान रहा है। उन्होंने उनके साथ कई यादगार फ़िल्में की। 'मेरे पास मां है' यह संवाद ज़बरदस्त हिट है अपने देश में। दीवार (1975) बिना शशि कपूर के बन ही नहीं सकती थी।
कभी-कभी
1976 में रिलीज हुई फिल्म कभी-कभी भी दो भाइयों की कहानी है। इस फ़िल्म में भी शशि कपूर ने अमिताभ के किरदार को लार्ज बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई।
त्रिशूल
इस जोड़ी की यह भी एक ज़बरदस्त कामयाब फ़िल्मों में शामिल रही है। हालांकि, इस फ़िल्म में संजीव कपूर भी हैं। लेकिन, अमिताभ का किरदार कहीं न कहीं शशि कपूर के किरदार से धार पाता दिखता है।
नमकहलाल
नमकहलाल तो इस जोड़ी की यादगार फ़िल्मों में से एक है। कहना न होगा कि शशि कपूर ने अमिताभ के करियर को संवारने में महवपूर्ण भूमिका निभाई है। दादा साहब फाल्के अवार्ड से सम्मानित शशि कपूर की भी अपनी अलग फैन फॉलोइंग रही है।
सुहाग
इस फ़िल्म में भी शशि कपूर ने अमिताभ के साथ टक्कर का अभिनय किया है। यह जोड़ी और भी कई फिल्मों में एक साथ नज़र आयी है। सिलसिला, काला पत्थर में भी इन दोनों का दम दिखा है।
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