पुलिस ने नहीं किया अपना काम

कोर्ट ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को जेल जाने से बरी कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस को नाकाम बताते हुए कहा कि पुलिस सलमान को आरोपी साबित नहीं कर पायी। पुलिस ने पूरे सबूत और गवाह पेश नहीं किए जो ये साबित करते कि दुर्घटना के समय सलमान नेशे में थे और गाड़ी चला रहे थे। इससे पहले फैसला सुनाने से पहले कोर्ट ने सलमान को अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया। सलमान के साथ उनकी बहन अलवीरा भी कोर्ट में मौजूद थीं। वे सलमान से पहले ही अदालत पहुंच गयीं थीं।  

पहले ही थे राहत मिलने के आसार

वर्ष 2002 के हिट एंड रन केस में बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को राहत मिलने के संकेत पहले ही मिल रहे थे। बांबे हाईकोर्ट ने कहा था कि सलमान के दिवंगत बॉडीगार्ड रवींद्र पाटिल का बतौर गवाह दिया गया बयान पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है। 28 सितंबर, 2002 को हुए सडक़ हादसे के प्रत्यक्षदर्शी पाटिल ने कहा था कि सलमान खान उस समय एसयूवी चला रहे थे जिसने फुटपाथ पर सो रहे लोगों को कुचला, पूरी तरह विश्वसनीय नहीं है। अदालत ने इसी आधार पर 50 वर्षीय अभिनेता की अपील पर जल्द ही निर्णय दिया है।

सलमान के गाड़ी चलाने की बात कहने वाला गवाह पूरी तरह विश्वसनीय नहीं : हाईकोर्ट

उल्लेखनीय है कि  हादसे के वक्त सलमान का बॉडीगार्ड कार में ही मौजूद था। निचली अदालत ने अपने फैसले में रवींद्र पाटिल की गवाही को ही आधार बनाया था। इसके बाद सलमान खान ने सत्र न्यायालय के फैसले को चुनौती दी थी, जिस पर सुनवाई पिछले सप्ताह पूरी हो चुकी थी। सोमवार से जस्टिस एआर जोशी खुली अदालत में अपना फैसला लिखवा रहे थे। सत्र न्यायालय के फैसले तथा अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों पर गौर करने के साथ-साथ हर पेंच पर ध्यान देते हुए अदालत फैसला लिख रही थी। मसलन, सलमान खान रेन बार में गए थे, यह तो साबित होता है, लेकिन सलमान को उस रात किसी ने भी शराब पीते हुए नहीं देखा। इसके अलावा, होटल के बिल की तारीख को लेकर भी उलझन है, क्योंकि पुलिस ने 27 सितंबर का बिल पेश किया, लेकिन सलमान जब वहां से निकले, तब तारीख बदल चुकी थी। वैसे, सलमान खान खुद गाड़ी चला रहे थे, इस पर भी भ्रम बरकरार है, क्योंकि किसी ने सलमान खान को गाड़ी चलाते नहीं देखा था।

कुछ और मुद्दे भी बने बचाव की वजह

कुछ और भी नुक्ते हैं, जिन्हें संभवत: ध्यान में रखा जा रहा था। जैसे गवाह नंबर 8 ने कहा था कि कार में चार लोग थे, और इसके बाद अभियोजन पक्ष ने उसे क्रास एक्जामिन नहीं किया, जो होना चाहिए था। जैसे हादसे के बाद दर्ज एफआइआर सलमान खान के शराब पिए होने की बात नहीं लिखी गई थी और वह आरोप कुछ दिन बाद जोड़ा गया। जैसे गवाह नंबर 7 ने पूछताछ के दौरान कहा था कि उस समय सलमान खान के मुंह से शराब की बू नहीं आ रही थी, और वह लडख़ड़ा भी नहीं रहे थे। जैसे सलमान खान ने उस रात शराब पी थी या नहीं, इसकी जांच के लिए ब्लड सैम्पल लेने से पहले सलमान की सहमति ज़रूरी थी, लेकिन फॉर्म पर सलमान के दस्तखत नहीं पाए गए।

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