क्या कहना है सियाम के महानिदेशक का
सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने ग्लोबल NCAP की आलोचना करते हुए कहा है कि हर देश की अपनी सुरक्षा जरूरतें अलग-अलग होती हैं. उन्होंने कहा कि हमारी कारें सरकार की ओर से तय सुरक्षा मानकों पर पूरी तरह से खरी उतरती हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि NCAP की ओर से तैयार प्रोटोकॉल भारत के लिए डिजाइन नहीं किया गया है, इसलिए यहां परीक्षण यहां के हालात के आधार पर होने चाहिए.

भारत खुद सड़क सुरक्षा नियमों पर कर रहा है काम
इसके साथ ही माथुर ने यह भी कहा कि भारत सड़क सुरक्षा नियमों पर काम कर रहा है, जो सिर्फ क्रैश टेस्ट पर आधारित नहीं है. बल्कि उनमें सुरक्षा से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार किया जा रहा है. गौरतलब है कि उपभोक्ता कार सुरक्षा परीक्षण निकायों के शीर्ष निकाय ग्लोबल एनसीएपी के अनुसार, निसान की दत्सुन गो और मारुति सुजुकी की स्विफ्ट के क्रैश टेस्ट से यह सामने आया था कि टक्कर के दौरान उसमें सवार लोगों की जान जोखिम में पड़ने का खतरा ज्यादा है. इस निकाय ने इन दोनों कारों को शून्य स्टार सेफ्टी रेटिंग दी है. इसपर मारुति सुजुकी व निसान ने कहा था कि वे भारत में लागू सभी सम्बद्ध नियमों का पूरी तरह पालन करती हैं.

क्या कहना था NCAP के चेयरमैन का
क्रैश टेस्ट में दोनों गाडि़यों के फेल होने के बाद NCAP के चेयरमैन मैक्स मोसले का कहना था कि भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में वर्ल्ड लीडर बनने की क्षमता है. फिर भी भारतीय ग्राहक गाड़ी लेते समय इस बात पर जरा भी ध्यान नहीं देते कि वे उस गाड़ी में कितने सुरक्षित होंगे. इससे पहले इस साल जनवरी में टाटा नैनो, मारुति सुजुकी आल्टो 800 और ह्युंडई i10 ग्लोबल एनसीएपी क्रैश टेस्ट में नाकाम रहीं थीं.

Hindi News from Business News Desk

 

Bollywood News inextlive from Bollywood News Desk