कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। वट सावित्री का व्रत महिलाओं के लिए काफी खास रहता है। यह व्रत पति की लंबी आयु की कामना के लिए रखा जाता है। जो सुहागिनें पहली बार यह व्रत रखने जा रही हैं, उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। पूजा से पहले किन-किन चीजों की जरूरत है, आइए जानते हैं।
1- पहली बार व्रत रखने वाली सुहागिनों को काफी ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए सबसे पहले स्त्रियों को कपड़ों को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। हिंदू धर्म में किसी भी शुभ या पूजा-पाठ कार्य के दौरान किसी के भी काले रंग के कपड़े पहनने की मनाही होती है। सुहागिनों को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए। काला रंग अशुभ होता है।
2- कपड़ों से लेकर जेवर और अन्य आभूषण में काले रंग से पूरी तरह से दूरी बनाएं। हालांकि मंगलसूत्र में काले रंग के दाने होते हैं तो उसे पहना जा सकता है बाकी आभूषणों में काले रंग से जितना हो सके, व्रत और पूजा वाले दिन दूरी बनाएं।
3- काले रंग के अलावा सफेद कपड़ों से भी बचना चाहिए। वैसे तो सफेद रंग सौम्यता और शांति का प्रतीक है मगर सुहागिनों के लिए यह पूरी तरह से बैन है, खासतौर से किसी पूजा के दौरान। वट सावित्री व्रत में पूजा करते समय ध्यान रखें कि कोई भी सुहागिन सफेद रंग के परिधान न पहने।
4- वट सावित्री व्रत के दौरान सुहागिन स्त्रियों को भूरा रंग भी नहीं पहनना चाहिए। कहा जाता है कि यह रंग राहु और केतु का प्रतिनिधित्व करता है और पूजा और सुहागिन व्रत के दौरान इससे बचना चाहिए।
5- वट सावित्री का व्रत निर्जला रखा जाता है। जब तक बरगद की पूजा न हो जाए, तब तक सुहागिनें पानी नहीं पीती। ऐसे में जो सुहागिनें पहली बार व्रत रख रही हैं उन्हें यह ध्यान रखना होगा। सुबह उठकर प्रसाद बनाने के बाद पूजा करें और बरगद की पूजा करने के बाद व्रत खोलें।