नमस्कार मित्रों, घर का हर कोना, दिशा और वहां का वातावरण बहुत कुछ कहता है, बस इसे समझने की जरूरत होती है। जब-जब घर या जहां हम रह रहे हैं, वहां की तरंगों (वास्तु वाइब्स) में असंतुलन आता है, तभी जीवन में भी असंतुलन के भाव आने लगते हैं।

वैसे तो घर बनवाते समय ड्रॉइंग रूम का बहुत ज्यादा ध्यान नहीं रखा जाता है, जबकि इसका अपने आप में विशेष स्थान है। ऐसे में इसकी तरंगों का अच्छा होना जरूरी है क्योंकि यदि यहां के स्थान की तरंगें सही नहीं होंगी तो यहां लिए फैसले भी हमारे जीवन में अच्छे या लाभदायी नहीं होंगे।

1. घर में ड्राइंग रूम में बहुत गहरे रंगों का चयन न हो तो अच्छा है। यहां पर जितना हो सके हल्के रंगों का उपयोग हो।

2. यहां अक्सर लोग महाभारत वाली तस्वीर या पोस्टर फ्रेम करवाकर लगाते हैं, ऐसा न करें। कोई ऐसी फोटो न लगी हो, जिससे नकारात्मक भाव आए या दिखे।

3. सोफा सेट दक्षिण या पश्चिम की दीवार से लगा हुआ हो और इस पर हल्के रंगों का कवर लगा हो। उत्तर-पूर्व दिशा की ओर वॉटर फाउंटेन लगा हो। घर के मुखिया की फोटो भी लगा सकते हैं।

4. पूर्व की तरफ ऑयल डिफ्यूजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। लैवेंडर का ऑयल यहां के वातावरण को बेहतर बनाने में साथ देगा।

5. दक्षिण या उत्तर की तरफ फ्रेश फ्लॉवर्स भी लगाएं। हां, यह जरूर ध्यान दें कि यदि आर्टिफीशियल फूल लगे हैं तो ठीक और यदि ओरिजिनल फूल लगे हों, तो इन्हें समय-समय पर बदलते रहें। सूखे फूल यहां कभी भी न रखें।

6. संगीत का आनंद लेने के लिए म्यूजिक प्लेयर पूर्व से उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ लगाएं और संगीत की ताजगी को अनुभव करें। यदि यह इसी तरफ आगंतुक के लिए भी सोफा या कुर्सी लगाएं तो वह भी स्वयं में शांति महसूस करेगा और आपकी उनके साथ मीटिंग या चर्चा सकारात्मकता की ओर जाएगी।

7. दिन की शुरुआत जब घर में साफ—सफाई से होती है, तो यहां खासतौर पर ध्यान दें कि सुबह के समय नमक मिले पानी के पोछे से यहां की सफाई हो।

8. एक सुंदर सा वॉल क्लॉक भी यहां की शोभा बढ़ा सकता है और आपको होने वाली मीटिंग्स या बैठकों में समय का ध्यान दिला सकता है।

9. दक्षिण दिशा की तरफ बुद्ध की प्रतिमा भी लगा सकते हैं फिर वह चाहे मूर्ति के रूप में हो या पोस्टर के रूप में हो। जिस तरफ से ड्रॉइंग रूम का प्रवेश हो, उसी तरफ से या उस स्थान पर लाफिंग बुद्धा भी लगा सकते हैं, जिसका मुख बाहर की तरफ हो यानी जब कोई भी आगंतुक, अतिथि घर में आए तो उसका ध्यान सबसे पहले उसी पर जाए या उसको सामने से दिखे।

10. यहां के पर्दों की मैचिंग भी दीवारों के रंग के अनुरूप हो, पर रंग आंखों में बहुत चुभने वाले न हों, तो अच्छा है।

वास्तु के अनुसार घर और कार्यस्थल का होना क्यों हैं जरूरी? ये है जवाब

स्वास्तिक चिह्न से कैसे दूर करें घर का वास्तु दोष, जानें ये आसान उपाय

 

Spiritual News inextlive from Spiritual News Desk