नमस्कार मित्रों, जब भी बच्चों की बात आती है तो उनकी पढ़ाई का जिक्र भी जरूर होता है और हो भी क्यों न, आज के समय में हर जगह प्रतिस्पर्धा जो बढ़ रही है फिर चाहे वह बिजनेस हो या जॉब या फिर शिक्षा का क्षेत्र। शायद इसीलिए बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर अक्सर तनाव में आ जाते हैं। तनाव का एक कारण वास्तु का सही न होना भी हो सकता है।
ऐसी जगह बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है
यदि घर में दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम का दिशा क्षेत्र साफ-सुथरा और संतुलित है, तो ऐसी जगह बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है और उसे अपने परिश्रम का पूरा लाभ भी मिलता है। इसी तरह घर की उत्तर-पूर्व दिशा भी अपना पूरा प्रभाव दिखाती है। पहले के समय में जब बड़े-बुजुर्ग नया घर बनवाते थे, तो घर का उत्तर और उत्तर-पूर्व कोना खुला रखते थे साथ ही यह भी ध्यान रखते थे कि यहां पूरी तरह धूप तथा हवा बनी रहे तथा किसी तरह का अंधेरा न हो। यदि इस बात का ध्यान आज भी रखा जाए तो ऐसे घरों में रहने वालों को फायदा होगा।
पढ़ते समय उत्तर-पूर्व में हो बच्चों का मुख
घर में बच्चों का कमरा उत्तर-पूर्व में हो तो अच्छा है। यहां खिड़कियां होनी चाहिए। पढ़ते समय विद्यार्थियों का मुख इसी दिशा में हो, तो अच्छा है। उनके कमरे में हल्के रंगों का चयन लाभदायक होता है। कमरे में पोस्टर ऐसे लगे हों, जिनमें ज्ञानवर्धक सूक्तियां लिखी हों। सुबह और गोधूलि बेला के समय कुछ देर के लिए भक्ति संगीत चले, तो और भी अच्छा है। बच्चों का कमरा दक्षिण दिशा के आस-पास होना बहुत अच्छा नहीं होता है। अच्छी पढ़ाई के लिए यह ध्यान दिया जाए कि बच्चा बेड पर पढऩे न बैठे। उसके लिए अलग से टेबल और कुर्सी हो तो अच्छा है। उसकी पढ़ाई वाली टेबल पर उसके दाईं ओर अमथीस्ट की रॉक रखें, तो अच्छा है। वह पढ़ते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करे। यह भी ध्यान रहे कि उसके कमरे में उसी से संबंधित वस्तुएं हों। अगर स्कूल यूनीफॉर्म में बच्चे की फोटो हो, तो वह तस्वीर पश्चिम दिशा की तरफ कमरे में लगाएं।
बच्चों के लिए भी साधना है जरूरी
वह जीवन में आगे बढ़े और पढ़ाई में अपना पूरा ध्यान दे, इसके लिए बच्चे का रुझान थोड़ा ध्यान साधना की तरफ भी लगवाएं। ऐसा करने से उसमें ध्यान, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ेगी। जब ऐसा होगा तो परिणाम भी अच्छे आएंगे। बच्चों के कमरे में सरस्वती देवी जी की फोटो भी लगानी चाहिए। यहां टी.वी न हो तो अच्छा है। उनका कमरा बहुत भरा हुआ नहीं होना चाहिए। पर्दे और बेडशीट के चयन में भी ध्यान रखें कि वे हल्के रंगों के हों। इन्हें समय-समय पर साफ करते रहें। इसका भी प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है।
अगर व्यवसाय में नहीं हो पा रहे हैं सफल तो करें ये उपाय, होगी तरक्की
हिन्दू धर्म में उत्तर-पूर्व दिशा की क्या है महत्ता? जानें देवदत्त पट्टनायक से
नमस्कार मित्रों, जब भी बच्चों की बात आती है तो उनकी पढ़ाई का जिक्र भी जरूर होता है और हो भी क्यों न, आज के समय में हर जगह प्रतिस्पर्धा जो बढ़ रही है फिर चाहे वह बिजनेस हो या जॉब या फिर शिक्षा का क्षेत्र। शायद इसीलिए बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर अक्सर तनाव में आ जाते हैं। तनाव का एक कारण वास्तु का सही न होना भी हो सकता है।
ऐसी जगह बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है
यदि घर में दक्षिण-पश्चिम और पश्चिम का दिशा क्षेत्र साफ-सुथरा और संतुलित है, तो ऐसी जगह बच्चे का मन पढ़ाई में लगता है और उसे अपने परिश्रम का पूरा लाभ भी मिलता है। इसी तरह घर की उत्तर-पूर्व दिशा भी अपना पूरा प्रभाव दिखाती है। पहले के समय में जब बड़े-बुजुर्ग नया घर बनवाते थे, तो घर का उत्तर और उत्तर-पूर्व कोना खुला रखते थे साथ ही यह भी ध्यान रखते थे कि यहां पूरी तरह धूप तथा हवा बनी रहे तथा किसी तरह का अंधेरा न हो। यदि इस बात का ध्यान आज भी रखा जाए तो ऐसे घरों में रहने वालों को फायदा होगा।
पढ़ते समय उत्तर-पूर्व में हो बच्चों का मुख
घर में बच्चों का कमरा उत्तर-पूर्व में हो तो अच्छा है। यहां खिड़कियां होनी चाहिए। पढ़ते समय विद्यार्थियों का मुख इसी दिशा में हो, तो अच्छा है। उनके कमरे में हल्के रंगों का चयन लाभदायक होता है। कमरे में पोस्टर ऐसे लगे हों, जिनमें ज्ञानवर्धक सूक्तियां लिखी हों। सुबह और गोधूलि बेला के समय कुछ देर के लिए भक्ति संगीत चले, तो और भी अच्छा है। बच्चों का कमरा दक्षिण दिशा के आस-पास होना बहुत अच्छा नहीं होता है। अच्छी पढ़ाई के लिए यह ध्यान दिया जाए कि बच्चा बेड पर पढऩे न बैठे। उसके लिए अलग से टेबल और कुर्सी हो तो अच्छा है। उसकी पढ़ाई वाली टेबल पर उसके दाईं ओर अमथीस्ट की रॉक रखें, तो अच्छा है। वह पढ़ते समय उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करे। यह भी ध्यान रहे कि उसके कमरे में उसी से संबंधित वस्तुएं हों। अगर स्कूल यूनीफॉर्म में बच्चे की फोटो हो, तो वह तस्वीर पश्चिम दिशा की तरफ कमरे में लगाएं।
बच्चों के लिए भी साधना है जरूरी
वह जीवन में आगे बढ़े और पढ़ाई में अपना पूरा ध्यान दे, इसके लिए बच्चे का रुझान थोड़ा ध्यान साधना की तरफ भी लगवाएं। ऐसा करने से उसमें ध्यान, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ेगी। जब ऐसा होगा तो परिणाम भी अच्छे आएंगे। बच्चों के कमरे में सरस्वती देवी जी की फोटो भी लगानी चाहिए। यहां टी.वी न हो तो अच्छा है। उनका कमरा बहुत भरा हुआ नहीं होना चाहिए। पर्दे और बेडशीट के चयन में भी ध्यान रखें कि वे हल्के रंगों के हों। इन्हें समय-समय पर साफ करते रहें। इसका भी प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है।
Spiritual News inextlive from Spiritual News Desk