देहरादून (ब्यूरो)। पिछले तीन दिनों से कचहरी परिसर पुलिस छावनी बना हुआ है। थर्सडे को हुए लाठीचार्ज के बाद फ्राइडे को बड़ी संख्या में छात्र, सामाजिक संगठनों के लोग और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि लाठीचार्ज का विरोध करने के लिए शहीदस्थल में पहुंच गये थे। भीड़ बढ़ती देख पुलिस ने पहले शहीदस्थल के गेट अंदर आने वालों के लिए बंद कर दिया था और बाद में कचहरी के सभी गेट भी बंद कर दिये गये। फ्राइडे शाम को प्रशासन के साथ हुई वार्ता के बाद ज्यादातर लोगों ने धरना स्थगित कर दिया था, लेकिन सौ से ज्यादा युवा वहीं डटे रहे। तब से पुलिस केवल शहीद स्थल से बाहर आने की इजाजत दे रही है। अंदर जाने की नहीं। 50 से ज्यादा युवा फ्राइडे सुबह से शहीदस्थल पर ही डटे हुए हैं।
नेताओं की जमानत का इंतजार
शहीदस्थल पर और कचहरी के बाहर धरना दे रहे युवाओं का कहना है कि जब तक उनके सभी 13 साथी जमानत पर बाहर नहीं आ जाते तब तक वे किसी भी हालत में धरना खत्म नहीं करेंगे। जेल में बंद उत्तराखंड बेरोजगार संघ के नेताओं की जमानत के बाद भी धरना उठाने या जारी रखने को लेकर कोई फैसला किया जाएगा।
आज हो सकती है जमानत
लाठीचार्ज के बाद गिरफ्तार किये गये 13 युवकों में से 6 को सैटरडे को जमानत मिल गई थी, जबकि कोर्ट ने बाकी 7 की जमानत के लिए मंडे को याचिका लगाने के लिए कहा था। हालांकि जिन 6 को जमानत मिली थी, उन्होंने भी जेल से बाहर आने के लिए इंकार कर दिया था। इन 6 युवाओं को उनकी पटवारी भर्ती परीक्षा को देखते हुए जमानत दी गई थी। लेकिन, उन्होंने परीक्षा न देने का फैसला किया था।
स्थिति तनावपूर्ण
भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बीच कचहरी परिसर के अंदर और बाहर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। पुलिस इन युवाओं को कई बार धरना खत्म करके चले जाने का अल्टीमेटम दे चुकी है, लेकिन युवा ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। ऐसे में इस बात का अंदेशा लगातार बना हुआ है कि पुलिस दोनों जगहों पर धरना दे रहे युवाओं को किसी भी समय गिरफ्तार कर सकती है।