देहरादून, (ब्यूरो): राजधानी दून के चौक-चौराहों पर भले आपको पुलिस की मौजूदगी कम ही नजर आती हो। लेकिन, यहां पर तीसरी आंख यानि सीसीटीवी कैमरों की नजर लगातार बनी हुई है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ट्रैफिक वॉयलेशन में जहां वर्ष 2022 में 35705 चालान हुई। अगले ही वर्ष इस संख्या में करीब तीन गुना ज्यादा इजाफा हुआ। मसलन, ये संख्या 97 हजार 412 तक पहुंची। जबकि, इस वर्ष अब तक महज 8 महीनों में ये संख्या 31146 तक पहुंच गई है। साफ है कि शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस आपको नजर न आए तो भी ट्रैफिक नियमों का पालन करें। जिससे आपको पुलिस व कोर्ट के चक्कर न काटने पड़ें।

चालान पर एक नजर

वर्ष 2022

बिना हेलमेट---11902

बिना डीएल---2481

रॉन्ग साइड---1126

वर्ष 2023

बिना हेलमेट---13656

बिना डीएल---1821

रॉन्ग साइड---4024

वर्ष 2024

बिना हेलमेट---8257

बिना डीएल---1273

रॉन्ग साइड---1175

(जनवरी से अगस्त तक.)

पल-पल आप पर नजर

-सीसीटीवी कैमरों से हर माह हो रहे 8117 से ज्यादा चालान।

-हर दिन होने वाले ट्रैफिक चालान की संख्या पहुंच रही 270 तक।

-इस प्रकार से हर दिन हर घंटे हो रहे हैं दून में 12 से ज्यादा चालान।

सबसे ज्यादा इनके चालान

-बिना हेलमेट

-बिना डीएल

-रॉन्ग साइड

-ट्रिपल राइडिंग

-फोन पर बात करना

-रेड लाइट जंप

टेक्नोलॉजी का फुल यूज

ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों पर गौर करें तो साल भर में ट्रैफिक वॉयलेशन के नाम पर पुलिस की जो चालानी कार्रवाई हो रही है। उसमें अब सबसे ज्यादा ऑनलाइन यानि सीसीटीवी कैमरों से ज्यादा हो रही है। मतलब, वाहन चालक ने चौक-चौराहों पर पुलिस की मौजूदगी नहीं देखी तो उन्हें अक्सर लगता है कि वे चुपके से निकल जाएंगे। लेकिन, ऐसा नहीं है। अब टेक्नोलॉजी के युग में कैमरों की अलर्टनेस से घर बैठे ही चालान पहुंच रहे हैं और लोगों को सरप्राइज भी हो रहा है। साफ है कि चौक या फिर चौराहों पर आपको रेड लाइट नजर आए तो थोड़ा ग्रीन सिग्नल लाइट का इंतजार कर लें। जिससे आपको होने वाली परेशानी से बचा जा सके।

बिना हेलमेट चालान नंबर वन

बात जब ट्रैफिक वॉयलेशन की हो तो इसमें सबसे ज्यादा बिना हेलमेट की चालान की संख्या ज्यादा है। मतलब, जब रोड सेफ्टी को देखते हुए पुलिस ने हेलमेट पहनने की अनिवार्यता की है तो लोग हेलमेट पहनने को तैयार नहीं हैं। जिस कारण उन्होंने पुलिस की चालानी कार्रवाई का शिकार होना पड़ रहा है। बिना हेलमेट के जहां इस वर्ष अगस्त तक 8257 चालान हुए। वहीं, पिछले वर्ष 13656 और वर्ष 2022 में इनकी संख्या 11902 रही।

डीएल और रॉन्ग साइड भी

ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में डीएल न होने के बावजूद वाहनों को खुलेआम सड़कों पर दौड़ाना, इसमें भी वाहन चालकों को पुलिस का सामना करना पड़ रहा है। जहां इस वर्ष अगस्त तक 1273 चालान बिना डीएल के हुए। वहीं, 2023 में 1821 और 2022 में ये संख्या 2481 तक पहुंची। रॉन्ग साइड चालान की कार्रवाई भी पुलिस ने बरकरार रखी। इस साल अगस्त तक 1175, 2023 में 4024 और 2022 में ये आंकड़ा 1226 तक पहुंचा।

कैमरों की स्पीड में लगातार इजाफा

ट्रैफिक पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक दून शहर के 49 चौक-चौराहों पर पुलिस के कैमरे पूरी तरह एक्टिव मोड में हैं। इस वजह से ट्रैफिक वॉयलेशन करने वाले वाहन चालक तीसरी आंख की गिरफ्त में साल-दर-साल आ रहे हैं। वर्ष 2022 में जहां 35705, 2023 में 97412 और इस वर्ष अगस्त तक 31146 चालान केवल सीसीटीवी कैमरों से हुए हैं। अनुमान लगाया जा सकता है कि कैमरों से किस प्रकार चालानी कार्रवाई हो रही है।

हमेशा शॉर्टकट का नतीजा गलत रहता है। यही कारण है कि पुलिस यातायात नियमों के उल्लंघन पर चालानी कार्रवाई करती है। जिसके लिए लोगों को खुद जल्दबाजी के बजाय नियमों का पालन सुनिश्चित करना चाहिए। इसी में भलाई है।

-केशर सिंह रावत, जीएमएस रोड

देखिए, लोगों की सुरक्षा के लिए ही ट्रैफिक नियम बनाए गए हैं। ऐसे में सभी लोगों को ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए अपनी और दूसरों की सुरक्षा का ख्याल रखना चाहिए। जल्दबाजी से दूरी बनाने में ही भलाई है।

-विक्की वर्मा, प्रेमनगर

तकनीकी के युग में अब अक्सर बड़े शहरों में सीसीटीवी कैमरों की ही नजर बनी रहती है। ऐसे में अपने शहरवासियों को भी इसका ख्याल रखना चाहिए। जिससे उन्हें भी पुलिस की कार्रवाई का शिकार न होना पड़े।

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