देहरादून, (ब्यूरो): बारिश और भूस्खलन से केदारनाथ में भारी नुकसान पहुंचा है। जगह-जगह सड़क और पैदल मार्ग वॉशआउट हो गए हैं। धाम तक पहुंचने को भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। रास्तों में फंसे यात्रियों को निकालने का क्रम जारी है। मौसम अनुकूल न होने के कारण वेडनेसडे को भी हेली सेवा से केदारनाथ धाम यात्रा शुरू नहीं हो पाई। दिनभर मौसम खराब रहने से हेलीकॉप्टर केदारनाथ धाम के लिए उड़ान नहीं भर सके। फिलहाल केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा स्थगित है। क्षतिग्रस्त रोड व पैदल मार्गों की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है। बताया जा रहा है कि पैदल यात्रा शुरू होने में अभी एक हफ्ते का समय लग सकता है। केदारनाथ पैदल मार्ग पर सेना की ओर से यात्रियों को निकालने के लिए बनाया गया अस्थायी पैदल पुल मंदाकिनी नदी के तेज बहाव में बह गया है। इधर, बुधवार को भी एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने केदारघाटी से 150 स्थानीय लोगों के साथ व्यापारी को सुरक्षित निकाला।

सात दिन से यात्रा ठप

31 जुलाई को बादल फटने व भूस्खलन की घटना के बाद केदारनाथ यात्रा स्थगित कर दी गई थी। पैदल मार्ग के जगह-जगह ध्वस्त होने से 15 हजार से अधिक यात्री धाम और यात्रा पड़ाव में फंस गए थे। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी ने बुधवार से हेली सेवा के जरिये यात्रा शुरू कराने और यात्रियों को किराये में 25 प्रतिशत की छूट देने की घोषणा की थी। प्रशासन ने इसकी पूरी तैयारी कर ली थी, लेकिन मौसम ने साथ नहीं दिया।

रेस्क्यू जुटी हैं टीमें

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन ङ्क्षसह रजवार ने बताया कि सेना की ओर सोनप्रयाग में मंदाकिनी नदी पर बनाया गया अस्थायी पैदल पुल मंगलवार की रात तेज वर्षा के कारण बह गया। इसे केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए बनाया गया था। रेस्क्यू पूरा होने के बाद भी एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें अभी भी जगह-जगह फंसे यात्रियों और स्थानीय लोगों की मदद में जुटी है। बुधवार को केदारधाम से आ रहे 150 स्थानीय लोगों और व्यापारियों को पहाड़ी मार्ग से सुरक्षित निकाला।

जब मौत छू कर निकल गई

केदारनाथ में आपदा से क्षतिग्रस्त हाइवे की मरम्मत का काम शुरू करवाने के लिए पहुंचे नेशनल हाईवे एनएच पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता रणजीत रावत को मौत छू कर निकल गई। वह सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच 150 मीटर हाइवे जो पूरी तरह वॉशआउट हो गया है उसे खोलने के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे थे। पोकलेन मशीन के काम शुरू करने के थोड़ी देर बाद पहाड़ी से लैंडस्लाइड होना शुरू हो गया। देखते ही देखते मिट्टी के साथ विशालकाय बोल्डर गिरने शुरू हुए। इस दौरान एसई रणजीत रावत को भी एक बोल्डर छू कर निकल गया। जिससे वह हल्के जख्मी हो गए। डाक्टर ने उपचार के बाद उन्हें आराम करने की सलाह दी है।

हाईवे खोलने का काम बंद

राष्ट्रीय राजमार्ग रुद्रप्रयाग के अधिशासी अभियंता निर्भय ङ्क्षसह ने बताया कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच 7-8 जगहों पर हाइवे बुरी तरह क्षतिग्रस्त है। बुधवार को 150 मीटर वॉशआउट एक पेच खोलने के लिए पोकलेन मशीन से कार्य शुरू किया गया, लेकिन पहाड़ी से फिर लैंडस्लाइड हो गया। बीच-बीच में बारिश भी खलल डाल रही है। लगातार लैंड स्लाइड होने से हाइवे मरम्मत का काम रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोनप्रयाग पुल के पास क्षतिग्रस्त सड़क का पुश्ता निर्माण कार्य शुरू कर दिया है।

छोटी लिनचोली तक खुला पैदल मार्ग

डीडीएमए के ईई विनय ङ्क्षझक्वाण ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग कई स्थानों से क्षतिग्रस्त हो गया है। लगभग 15 स्थानों पर पैदल मार्ग पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। बताया कि केदारनाथ धाम से छोटी लिनचोली तक क्षतिग्रस्त पैदल यात्रा मार्ग को आवाजाही के लिए सुचारू कर दिया। केदारनाथ मार्ग को दुरुस्त करने के लिए मजदूर विषम कठिन परिस्थितियों में मरम्मत एवं निर्माण कार्य निरंतर किया जा रहा है। केदारनाथ धाम से छोटी लिनचोली तक क्षतिग्रस्त पैदल यात्रा मार्ग को आवाजाही के लिए सुचारू कर दिया गया है।

सीएस ने मांगी क्षति की रिपोर्ट

हाल ही में केदारनाथ में आपदा से हुई क्षति के पुनर्निर्माण तथा भविष्य में आपदा से बचाव के लिए केंद्र सरकार से विशेष आर्थिक पैकेज मांग के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रभावित विभागों को तत्काल आंकलन प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने नागरिक उड्डयन विभाग से भीमबली, केदारनाथ, सोनप्रयाग, चिम्बासा व लिंचौली क्षतिग्रस्त हैलीपैड्स का आंकलन, आपदा प्रबन्धन विभाग से भूस्खलन की निगरानी व पूर्व चेतावनी, लाइट डिटेक्शन एण्ड रेंजिंग सर्वेक्षण, असंतुलित ढलानों का भूतकनीकी अन्वेक्षण, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों के लिए शमन उपाय, रिमोट सेंसिंग द्वारा बाढ़ निगरानी एवं भूस्खलन पूर्व चेतावनी के लिए आर्थिक पैकेज का आकलन तत्काल तैयार करने के निर्देश दिए हैं।

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