देहरादून,(ब्यूरो): दून के नाम जल्द एक और राष्ट्रीय महत्व की जल विद्युत परियोजना का नाम जुडऩे वाला है। यमुना नदी में प्रस्तावित बहुद्देशीय 300 मेगावाट के इस प्रोजेक्ट को लगभग सभी इनवायरमेंट क्लियरेंस मिल गए हैं। परियोजना के लिए तकनीकी विशेषज्ञ टीम नियुक्त करने को भी फ्राइडे को निगम बोर्ड की सहमति मिल गई है। साथ ही जलाशयों पर 3 पंप स्टोरेज परियोजनाएं बनेंगी। इसके लिए भी निगम को कंसल्टेंट्स की नियुक्ति के लिए टेंडर निकालने की अनुमति बोर्ड ने दे दी है। इसके बाद प्रोजेक्ट का काम तेज होगा। परियोजना को धरातल पर उतारने के लिए उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड तेजी से कदम बढ़ा रहा है। निगम की बोर्ड बैठक में इसके अलावा भी कई प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई है।

टेक्निकल कमेटी को भी हरी झंडी
यूजेवीएन लिमिटेड की निदेशक मंडल की 121वीं बैठक शुक्रवार को उज्ज्वल भवन में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव एवं यूजेवीएनएल की अध्यक्ष राधा रतूड़ी ने की। बोर्ड बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए प्रबंध निदेशक डॉ। संदीप सिंघल ने बताया कि बैठक में निदेशक मंडल की ओर से निगम के जलाशयों के के पास 3 पंप स्टोरेज परियोजनाओं की समावेशी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाने के लिए सलाहकार सेवाएं प्राप्त करने को निविदा आमंत्रण की स्वीकृति प्रदान की गई। साथ ही 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के तकनीकी विशेषज्ञ समूह के गठन को स्वीकृत किया।

पावर जनरेशन के सोर्स स्वीकृति
यूजेवीएन लिमिटेड व टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के संयुक्त उपक्रम की जल विद्युत परियोजनाओं की स्थिति का मूल्यांकन और उपक्रम के जल विद्युत के साथ ही ऊर्जा उत्पादन के अन्य क्षेत्रों की ओर बढऩे को भी निदेशक मंडल द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई। बैठक में ऊर्जा सचिव डा। आर। मीनाक्षी सुंदरम, स्वतंत्र निदेशक इंदू कुमार पांडे, बीपी पांडे, सीएम वासुदेव, पराग गुप्ता, राजकुमार आदि ने प्रतिभाग किया।

चिकित्सा प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया होगी सरल
यूजेवीएनएल की बोर्ड बैठक में कर्मचारियों के हिम में निर्णय लिए गए। प्रबंध निदेशक ने बताया कि राज्य चिकित्सा परिषद की अनुशंसा पर जीवनपर्यंत चलने वाली बीमारियों के उपचार पर हुए व्यय की प्रतिपूर्ति के लिए विद्यमान व्यवस्था को भी अब सरल कर दिया गया है। निदेशक मंडल ने राज्य चिकित्सा परिषद से एक बार निर्गत अनुशंसा को आजीवन मान्य करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। साथ ही निगम कार्मिकों के लिए प्रदर्शन आधारित प्रोत्साहन राशि के प्रस्ताव को भी निदेशक मंडल पास किया है।

2028 तक बन जाएगा प्रोजेक्ट
इस परियोजना का इंतजार पिछले 31 वर्षों से हो रहा है। खास बात यह है कि इस पावर प्रोजेक्ट के शुरू होने से रोजगार की आस बढ़ी है। बताया जा रहा है कि परियोजना से आने वाले समय में तकरीबन 5000 से अधिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। 2028 तक परियोजना का काम पूरा किया जाना है। इस परियोजना से 50 गांव प्रभावित होंगे। राज्य में तकरीबन 2123 मेगावाट क्षमता की 21 जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण पर जहां रोक लगी है वहीं खुशी की बात यह है कि दून में यमुना नदी पर प्रस्तावित 300 मेगावाट की राष्ट्रीय महत्व की लखवाड़ जल विद्युत परियोजना का काम पिछले साल शुरू हो गया था। यह परियोजना राजधानी दून से महज 70 किमी। की दूरी पर है।

1976 में स्वीकृत हुआ था प्रोजेक्ट
लखवाड़ परियोाजना 1976 में स्वीकृत हुई थी, लेकिन निर्माण कार्य 1987 में शुरू हुआ। परियोजना का काम शुरू ही हुआ था कि पर्यावरणीय एनओसी न मिलने से 1992 में प्रोजेक्ट बंद हो गया, जिसके बाद फिर नए सिरे से प्रोजेक्ट की पर्यावरणीय मंजूरी ली गई। इससे लाभान्वित छह अन्य राज्यों के साथ एमओयू हुआ। परियेाजना से उत्पादित बिजली पर पूरा अधिकार उत्तराखंड का होगा, लेकिन इसका पानी पानी उत्तराखंड के अलावा यूपी, हरियाणा, हिमाचल, दिल्ली और राजस्थान को भी मिलेगा।

इन राज्यों को मिलेगा पानी
हिमाचल
उत्तर प्रदेश
हरियाणा
दिल्ली
राजस्थान

लखवाड़ प्रोजेक्ट पर एक नजर
1976
में स्वीकृत हुई थी परियोजना
204
मीटर है डैम की हाईट
300
मेगावाट बिजली का होगा उत्पाउदन
580
मिलियन क्यूबिक मीटर वाटर कैपेसिटी
1385
हेक्टेयर टोटल लैंड
868.08
हेक्टयर फॉरेस्ट लैंड
50
के करीब गांव हो रहे हैं प्रभावित

राष्ट्रीय महत्व के लखवाड़ पावर प्रोजेक्ट को लेकर निगम बोर्ड की बैठक में अहम निर्णय लिए गए। इससे परियोजना को गति मिलेगी। इस परियोजना से जहां राज्य के पावर प्रोडक्शन में इजाफा होगा, वहीं स्थानीय स्तर पर रोजगार व स्वरोजार के अवसर पर पैदा होंगे।
संदीप सिंघल, एमडी, यूजेवीएन लिमिटेड

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