देहरादून, ब्यूरो: राज्य में महिला सशक्तीकरण की दिशा में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विशेषकर मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में लखपति दीदी योजना रंग ला रही है। अभी तक राज्य में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 93 हजार महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। इन महिलाओं को साल में एक लाख रुपये से अधिक की आय हो रही है। इस साल 8 महीनों में यह संख्या डेढ़ लाख करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। यही नहीं, 2026 तक लखपति दीदी की संख्या ढाई लाख करने का टारगेट रखा गया है।
दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे उत्पाद
लखपति दीदी योजना के अंतर्गत महिला समूहों द्वारा तैयार किए जा रहे उत्पादों में मूल्यवद्र्धन के साथ ही इनकी बिक्री के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर आउटलेट खोले जा रहे हैं तो मेलों के आयोजन के साथ ही अन्य राज्यों में आयोजित होने वाले मेलों में भी यहां के समूहों के उत्पाद भेजे जा रहे हैं। महिलाओं को योजना का इसका लाभ भी मिल रहा है। स्वयं सहायता समूहों को इससे अच्छी आय हो रही है। यह इससे भी साबित होता है कि राज्य में वर्तमान में समूहों से जुड़ी 93 हजार महिलाओं की सालाना आय एक लाख से अधिक हो गई है।
इस साल डेढ़ लाख का लक्ष्य
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी के अनुसार विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक लखपति दीदी की संख्या डेढ़ लाख करना सुनिश्चित करें। इसके लिए समूहों को रिवाङ्क्षल्वग फंड, बैंक ङ्क्षलकेज के साथ ही अन्य आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने को कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। विशेषकर, समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के बेहतर दाम मिलें, इस पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। अधिकारियों को निरंतरता में इस कार्य की मानीटङ्क्षरग के निर्देश भी दिए गए हैं।
2026 तक ढाई लाख का टारगेट
वर्तमान तक 93 लाख लखपति दीदी बन गई है, जबकि इस साल 57 हजार लखपति दीदी बनाई जानी है। इस साल के आखिरी तक यह संख्या 1.50 लाख पहुंच जाएगी। सरकार का लक्ष्य 2026 तक लखपति दीदी की संख्या ढ़ाई लाख करने का है। इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
योजना पर एक नजर
66459
समूहों का अब तक हो चुका गठन
5.06
लाख परिवार समूहों से आच्छादित
62.47
करोड़ का रिवाङ्क्षल्वग फंड
218.25
करोड़ की सामुदायिक निवेश निधि
711.75
करोड़ रुपये का बैंक ङ्क्षलकेज
3873
उद्यम अब तक हो चुके स्थापित
आत्मनिर्भर बन रही महिलाएं
- लखपति दीदी योजना से महिला स्वयं सहायता समूहों के जरिए बन रही आत्मनिर्भर
- हर समूह एक लाख से ऊपर कर रहा कमाई
- 66459 स्वयं सहायता समूहों की 93 हजार महिलाएं बन चुकी लखपति दीदी
- 2024 के अंत तक 57000 लखपति दीदी बन जाएंगी।
- 2026 तक यह संख्या ढाई लाख करने का सरकार ने रखा है लक्ष्य
लखपति दीदी योजना से महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है। अपने पैरों पर खड़ी हो रही कई महिलाएं परिवार का भी भरण-पोषण कर रही है। योजना से लाभान्वित होने वाली महिलाओं की संख्या हर साल बढ़ रही है। 2026 तक ढाई लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है।
गणेश जोशी, मंत्री, ग्राम्य विकास
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