- दून में निर्माणाधीन राज्य के पहले पायलट प्रोजेक्ट मेहूंवाला क्लस्टर पेयजल योजना सवालों में
- योजना के लिए नियुक्त एनजीओ, सोशल और एन्वायरमेंट स्पेशलिस्ट क्षेत्र से नदारद
देहरादून (ब्यूरो): योजना को लेकर एक और खुलासा हो रहा है कि योजना आखिरी स्टेज में है, लेकिन पर्यावरणीय और सामाजिक अध्ययन के लिए नियुक्त निगरानी समिति का कहीं अता-पता नहीं है। योजना की निगरानी का काम दिल्ली के एक एनजीओ को दिया गया है, लेकिन आज तक एनजीओ ने क्षेत्र के एक भी उपभोक्ता से संपर्क नहीं किया, समाधान तो दूर की बात है। यहां तक कि पेयजल निगम को भी एनजीओ के कार्यों की कोई जानकारी नहीं है। एनजीओ को इस काम का करीब सवा करोड़ रुपये भुगतान होना है।
सवा लाख आबादी के लिए योजना
मेहूंवाला क्लस्टर पेयजल योजना 164 करोड़ की है, जिसका निर्माण पेयजल की वल्र्ड बैंक यूनिट कर रही है। योजना के तहत क्षेत्र की करीब सवा लाख आबादी को स्वच्छ और 24 घंटे पानी उपलब्ध कराना है। उपभोक्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए फीडबैक फाउंडेशन को सवा करोड़ का काम दिया गया है। ये काम संस्था को दो साल के लिए दिया गया है, लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि कार्य समाप्ति को है और नामित एनजीओ का काम धरातल पर नहीं उतर पाया है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभाग पायलट प्रोजेक्ट को लेकर कितना संजीदा है।
ये है नामित एनजीओ का काम
- पब्लिक को पेयजल कनेक्शन के लिए प्रेरित करना
- उपभोक्तओं को पानी के मीटर लगवाने एवेयर करने
- मीटर न लगाने वालों की भ्रांतियां दूर करने
- खोदाई से उड़ रही धूल का अध्ययन कर समाज पर पड़ रहे प्रभाव आंकलन करने
- लगातार फील्ड विजिट करके पब्लिक की समस्याओं को सुनना
- समस्याओं को समिति के माध्यम से विभाग से समाधान करवाना
सोशल और एन्वायरमेंट स्पेशलिस्ट कठघरे में
राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन, उत्तराखंड शासन की ओर से योजना के लिए सोशल और एन्वायरमेंट स्पेशलिस्ट नियुक्त किए गए हैं। सोशल एक्टिविस्ट वीरू बिष्ट ने बताया कि एनजीओ के साथ दोनों विशेषज्ञ भी क्षेत्र से नदारद हैं। पर्यावरण और सामाजिक अध्ययन केवल कागजों में हो रहा है, लेकिन कागज भी पेयजल निगम के पास नहीं है। उपभोक्तओं की समस्या भगवान भरोसे है। मॉनिटरिंग कमेटी को खुद मॉनिटरिं की दरकार है।
डेढ किमी। लगा जाम
पेयजल लाइन बिछाने के लिए थर्सडे शाम को चाय बगान रोड खोदी गई। बनियावाला के पास खोदी गई मिट्टी को दूर डंप करने के बजाय सड़क पर डंप कर दिया, जिससे रोड पर करीब डेढ़ किमी। लंबा जाम लग गया। रोड पर डायवर्जन के लिए भी कोई बोर्ड नहीं लगाए गए, जिससे क्षेत्र के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
पेयजल योजना को समय पर पूरा किया जाएगा। योजना से जुड़े एनजीओ और विशेषज्ञ अभी तक हमें रिपोर्ट नहीं करते हैं। इस संबंध में उन्हें पत्र भेजकर नियमित रिपोर्ट तलब की जाएगी।
मुज्जमिल हसन, ईई, वल्र्ड बैंक यूनिट, पेयजल निगम