देहरादून, (ब्यूरो): सब कुछ ठीकठाक रहा तो पहले से पार्क की किल्लत झेल रहे राजधानी दून में अब दर्जनों और पार्क नजर आएंगे। इसके लिए नगर निगम की ओर से प्रयास जारी हैं। बताया गया है कि इस प्रोजेक्ट का जिम्मा नगर निगम ने देहरादून स्मार्ट सिटी को दे दिया है। जहां स्मार्ट सिटी तमाम इलाकों में पहुंचकर फिजिबिलिटी चेक कर निगम प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंप रहा है। निगम का दावा है कि जहां भी निगम की जमीन पर अतिक्रमण किया गया था और अब वह फ्री कर दिए गए हैं। वहां पर पार्क विकसित करना नगर निगम की प्राथमिकताओं में से एक है।

इन इलाकों में देखी जा रही फिजिबिलिटी
-एकता विहार
-आमवाला तरला
-आमवाला तरला पॉलिटेक्निक
-हेलीपैड
-मैक्स हॉस्पिटल के पीछे
-डीआईटी के पीछे
-सहस्रधारा ट्रेंचिंग ग्राउंड
-नवादा माजरी

सिटी में सीमित संख्या में हैं पार्क
नगर निगम क्षेत्र दून में वर्तमान में सीमित संख्या में पार्क हैं। यहां तक कि कॉलोनियों में भी पार्कों की स्थिति सीमित है। जबकि, हर साल कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर लगातार कॉलोनियां डेवलप हो रही हैं। बदले में ऐसे इलाकों में बच्चों व सीनियर सिटीजन के खेलने व वॉक करने तक के लिए पार्क नहीं हैं। जिस वजह से लगातार नगर निगम के पास शिकायतें सामने आ रही हैं। ऐसे में नगर निगम ने अब नए कॉलोनियां व अन्य क्षेत्रों में नए पार्क डेवलप करने का फैसला लिया है। बताया गया है कि इसके लिए निगम युद्धस्तर पर काम भी कर रहा है।

अक्सर आती हैं अतिक्रमण की शिकायतें
दरअसल, एक अनुमान के मुताबिक नगर निगम की निगम क्षेत्र में कई ऐसी जमीन है। जहां पर अक्सर अतिक्रमण की शिकायतें निगम प्रशासन के पास पहुंचती हैं। कई बार निगम को बड़ी मशक्कत के बाद अपनी इस जमीन को छुड़वाना पड़ता है। यहां तक कि पुलिस फोर्स की भी मदद लेनी पड़ती है। नगर निगम के नगर आयुक्त गौरव कुमार के अनुसार जिन इलाकों में निगम की जमीन पर अतिक्रमण था, अब उसको मुक्त कर दिया गया है। उन इलाकों में नए छोटे व बड़े पार्क डेवलप करने की निगम की योजना है। जिस पर काम शुरू हो गया है।

रि-विजिट करेगी स्मार्ट सिटी
बताया गया है कि पार्क को विकसित करने के लिए निगम प्रशासन ने देहरादून स्मार्ट सिटी का सहयोग लिया है। मतलब, दून नगर निगम के इन पार्कों का निर्माण देहरादून स्मार्ट सिटी करेगा। इसके लिए स्मार्ट सिटी की पीआईयू-पीडब्ल्यूडी यूनिट ने सर्वे भी कर लिया है। स्मार्ट सिटी पीआईयू-पीडब्ल्यूडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रवीन कुश के अनुसार कई स्थानों को विजिट किया जा चुका है। वहां पर फिजिबिलिटी चैक की जा रही है। जिसकी रिपोर्ट एक-एक करके नगर निगम प्रशासन को सौंपी जा रही है। वहीं, नगर आयुक्त के अनुसार स्मार्ट सिटी ने कुछ रिपोर्ट निगम प्रशासन को सौंपी है। लेकिन, एकाध स्थानों पर फिजिबिलिटी रि-चेक करने के लिए कहा गया है।

निगम के सामने बजट की चुनौती भी कम नहीं
बताया जा रहा है कि शहर में ऐसे छोटे या फिर बड़े पार्कों को डेवलप करने के लिए निगम के सामने बजट की चुनौती भी आएगी। इसके लिए निगम प्रशासन अलग-अलग मद में शासन से मंजूरी लेने की तैयारी कर रहा है। जानकारों के मुताबिक केंद्र सरकार से भी प्रस्ताव भेजकर बजट आवंटित किया जा सकता है।

निगम के बनने वाले पार्कों पर एक नजर
-नई विकसित कॉलोनियां
-जहां फुटफॉल ज्यादा हो।
-जहां तक लोगों की पहुंच हो
-फॉरेस्ट एरियाज न हो।
-जहां पर किड्स पार्क डेवलप हो सकें।

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