देहरादून (ब्यूरो) स्वीप गतिविधियों के माध्यम से निर्वाचन आयोग ने इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ृाने की हर संभव कोशिश की थी। लेकिन मतदाताओं के आगे सभी प्रयास विफल साबित हुए। दून के 45 परसेंट वोटर इस बार भी मतदान के लिए घरों से नहीं निकले। खास बात यह है कि शहरी से ज्यादा रूरल एरिया के मतदाताओं ने अधिक जागरूकता दिखाई। यही वजह रही कि विकासनगर में सर्वाधिक मतदान हुआ और सबसे वीआईपी राजपुर एरिया में सबसे कम मतदान का दाग लगा। मतदान परसेंट कम रहने की सबसे बड़ी वजह उम्मीदवारों के प्रति उत्साह की कमी को प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
75 परसेंट का दावा 56 पर सिमटा
चुनाव आयोग का राज्य में 75 परसेंट मतदान का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह आंकड़ा 60 परसेंट भी पार नहीं कर सका। करीब 56 परसेंट वोटिंग पर ही पूरा आंकड़ा सिमट कर रह गया। कम वोटिंग वाले पोलिंग बूथों पर भी विशेष कोशिशें नाकाम साबित हुई। हालांकि कम मतदान का कारण ट्रांसपोर्ट व्यवस्था ठप रहने से लोग एक-दूसरे जिले में न पहुंचने और शादी पार्टियों सीजन के साथ गर्मी को भी बताया जा रहा है।
5.37 परसेंट गिरा मतदान
देहरादून जिले में वर्ष 2014 के चुनाव के मुकाबले वर्ष 2019 के चुनाव में मत 1.35 प्रतिशत मत कम पड़े, जबकि वर्ष 2024 में यह कमी 5.37 प्रतिशत पर पहुंच गई। घटते मत प्रतिशत को लेकर गंभीर ङ्क्षचतन कि जरूरत है। यह जानने की जरूरत है कि भारत निर्वाचन आयोग और उसके अनुरूप राज्य की मशीनरी के अथक प्रयास के बाद भी यह हो रहा है। मतदाताओं को जागरूक करने के लिए वर्ष 2019 के मुकाबले स्वीप की टीमें कहीं अधिक सक्रिय नजर आई। फिर भी मतदान की कवायद बूथों पर फलीभूत नहीं हो पाई।
मतदाताओं ने क्यों बनाई दूरी
आज के डिजिटल युग मे जागरूकता के साधन कहीं अधिक हैं। कोरोना संक्रमण के बाद ऑनलाइन मीडिया का दायरा बढ़ा है। बावजूद इसके मतदाताओं की बूथों से दूरी कहीं न कहीं सिस्टम और जन के बीच के फासले को लेकर नए सिरे से मंथन करने पर बल देती है। मतदान का यह ट्रेंड लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सेहत के लिए सही नहीं है। इसका समाधान खोजना और इस सुस्ती को तोडऩा बेहद जरूरी है।
घट रहा वोटिंग का ट्रेंड
इस लोकसभा चुनाव में भले ही सहसपुर और विकासनगर में सर्वाधिक मतदान दर्ज किया गया है, लेकिन यहां भी ट्रेंड नीचे जा रहा है। सहसपुर में वर्ष 2014 में 68 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ था। वर्ष 2019 में बढ़कर यह 70 पार हो गया और अब 63 प्रतिशत के पास आकर सिमट गया। इसी तरह विकासनगर में इस बार 64.7 प्रतिशत मतदान हुआ, वर्ष 2019 में यह वर्ष 2014 के 67.81 प्रतिशत से बढ़कर 69.68 प्रतिशत हो गया था। यहां भी सहसपुर की तरह एक उछाल के बाद इसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
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