- संवेदनशील नेतृत्व ने तंत्र को किया सक्रिय, खुद भी ग्राउंड जीरो पर लेते रहे राहत-बचाव कार्यों का जायजा
- पल-पल घटनाक्रम पर पैनी नजर रखने से बच सकी कई जानें
देहरादून, ब्यूरो: इन दोनों ही हादसों के बाद सिस्टम ने जो तेजी और तत्परता दिखाई उससे निसंदेह कई जानों को बचाने में मदद मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार इन हादसों को लेकर अपडेट ले रहे हैं और फिर बात आपदा कंट्रोल रूम से जरूरी निर्देश देने कि हो या ग्राउंड जीरो की। सीएम लगातार इन हादसों को लेकर सक्रिय हैं।
हिस्मस्खलन से अब तक 10 शव रिकवर
उत्तरकाशी के द्रोपदी पर्वत में हुए हिमस्खलन में निम के कई प्रशिक्षणार्थी इसकी चपेट में आ गए। अब तक 22 लोगों को बचाये जाने की सूचना है। अब तक 10 डेड बॉडी रिकवर की गई है। इस हादसे की सूचना मिलते ही सीएम ने मामले में केंद्र से वार्ता की, जिसके बाद एयरफोर्स ने भी रिलीफ ऑपरेशन में मदद की। आज सीएम खुद ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं और उन्होंने यहां घायलों का हाल जाना।
घने अंधेरे में भी चला राहत-बचाव कार्य
बीती देर शाम जैसे ही सीएम को पौड़ी के सिमड़ी में बारात की बस के खाई में गिरने की सूचना मिली तो वे बिना देर किए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ कार्यक्रम को छोड़कर सचिवालय स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचे और न केवल हादसे का पल-पल अपडेट लेते रहे बल्कि पूरे सिस्टम को सक्रिय करते हुए निर्देश जारी किए। उन्होंने अगले दिन के सारे सरकारी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए। इसी का नतीजा रहा कि समय से मौके पर पहुंची पुलिस, जिला प्रशासन की टीमों ने घने अंधेरे में ही राहत बचाव कार्य शुरू किया। बुधवार सुबह भी पौ-फटते ही टीमें पुन: राहत कार्य में जुट गई। इस हादसे में 25 बारातियों की मौत हुई है। बस में करीब 45 से अधिक लोगों के होने की सूचना है।
हादसे के फस्र्टरेस्पांडर ग्रामीण होंगे सम्मानित
इस बीच मुख्यमंत्री आज पौड़ी में पहले घटनास्थल और फिर कोटद्वार बेस अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना। साथ ही साथ राहत राशि भी घोषित की। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सिमड़ी जहां हादसा हुआ था, वहां ग्रामीणों से भेंट की और रात में उनके द्वारा किये गए रेस्क्यू कार्य के लिए आभार भी प्रकट किया। सीएम ने कहा कि फस्र्ट रेस्पांडर की भूमिका निभाने वाले ग्रामीणों को सरकार प्रोत्साहन राशि देगी।
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