देहरादून ब्यूरो। बीते 12 सितम्बर को नवज्योति विहार डोईवाला निवासी लाखन सिंह सचान तहरीर दी थी कि वे एसबीआई डोईवाला से 5 लाख रुपये निकालकर घर जा रहे थे। डोईवाला चौक के पास उन्होंने रुपयों से भरा हैंडबैग अपने एक परिचित की ठेली के पास रखा और चाय पीने लगे। थोडी देर में पता चला कि कोई अज्ञात व्यक्ति उनका बैग उठाकर ले गया है। उन्होंने आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि एक अधेड उम्र का आदमी बैग उठाकर ले गया है।
ऐसे की टप्पेबाजी
पुलिस ने शिकायतकर्ता से पूछताछ करने पर पता चला कि जब ठेली के पास आये तो जमीन पर 10-10 रुपये के कई नोट बिखरे थे। वहां खड़े एक व्यक्ति ने कहा कि शायद आपके पैसे गिर गये हैं। वेे हैंड बैग ठेली पर रखकर नोट उठाने गये तो किसी ने ठेली पर रखा हैंड बैग उठा लिया।
योजनाबद्ध तरीके से टप्पेबाजी
घटना की पूरी जानकारी से यह बात साफ हो गई कि टप्पेबाजी पूरी तरह योजनाबद्ध तरीके से की गई थी। इसमें कई लोग शामिल थे। पुलिस ने 5 टीमों का गठन किया। पुलिस ने घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी कैमरे चेक करने, सर्विलांस, पूर्व में ऐसे अपराधों में संलिप्त लोगों की जानकारी कलेक्ट की। जांच में पता चला कि टप्पेबाजी के बाद सभी बदमाश अलग-अलग गाडिय़ों में देहरादून की तरफ निकले थे। वे रास्ते में पडऩे वाले एक प्राइवेट हॉस्पिटल में खुद को किसी मरीज का तीमारदार बताकर वेटिंग एरिया में करीब 3 घंटे रुके रहे, ताकि अगर पुलिस कहीं रास्ते में चेकिंग करे तो वे पुलिस के हाथ ना आयें। अस्पताल में पहचान छिपाने के लिए उन्होंने एक-दूसरे से कोई बात नही की। इसके बाद कपड़े बदल कर अलग-अलग रास्तों से रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन चले गये।
200 कैमरे खंगाले
पुलिस ने अपराधियों का पीछो करते हुए करीब 200 सीसीटीवी कैमरे चेक किये।जूते व चप्पलों से पहचान करते हुये उनका पीछा दिल्ली रेलवे स्टेशन और बस अड्डे तक किया। बदमाशों ने घटना से पहले और बाद में मोबाइल फोन का इस्तेमाल भी नहीं किया था।
होटल से मिला फर्जी आधार कार्ड
सीसीटीवी कैमरों को खंगालते हुए पुलिस उस होटल तक पहुंची, जहां बदमाश ठहरे थे। वहां एक बदमाश का आधार कार्ड मिला। लेकिन जांच में आधार कार्ड कार्ड फर्जी पाया गया। पुलिस की दूसरी टीम आरोपियों की तलाश में पहाडग़ंज दिल्ली पहुंची। वहां करीब 350 सीसीटीवी कैमरे चेक किये और 100 से भी ज्यादा होटल चेक किये गये। एक होटल में फिर वही फर्जी आधार कार्ड मिला, जो हरिद्वार के होटल में मिला था।
दिल्ली से जलपाईगुड़ी
पुलिस को पता चला कि बदमाश दिल्ली से जलपाईगुड़ी वेस्ट बंगाल गये हैं। पुलिस की एक टीम जलपाईगुड़ी रवोना की गई। सीसीेटीवी फुटेज से निकाले गये बदमाशों के फोटो दिखाने पर पता चला कि उनमें से कुछ जलपाईगुडी से करीब 40 किमी दूर फाटापुकुर में रहते हैं, जो पूरे देश में घूम-घूमकर टप्पेबाजी करते हैं। पुलिस टीम ने फाटापुकुर पहुंचकर वहां के कैमरों को भी चेक किया। यहां पता चला कि इस प्रकार की घटनाएं करने वाले शातिर अपराधियों का एक गैंग है, जिसे ग्वाला गैंग के नाम से जाना जाता है। यह गैंग कभी भी पुलिस के हत्थे नही चढ़ा है। पहले भी एक अन्य राज्य की पुलिस टीम कुछ बदमाशों की गिरफ्तारी करने आई थी, जिनके साथ इस गैंग के लोगों और उनके परिवार वालों ने मारपीट कर एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी।
दशहरे के दिन पकड़ा गया
इसके बावजूद पुलिस टीम डटी रही। पता चला कि बदमाशा दुर्गापूजा में शामिल हो सकते हैं। पुलिस ने दो मंदिरों पर नजर रखनी शुरू की। दशहरे के दिन एक बदमाश मंदिर पहुंचा। मुखबिर ने इशारा किया तो पुलिस उसे पकडऩे लपकी। इस बीच बदमाश ने दौड़ लगा ली। लेकिन, पुलिस टीम ने करीब 500 मीटर तक दौड़कर उसे दबोच लिया। पूछताछ में बदमाश ने बताया कि इस घटना को गैंग के 6 सदस्यों ने अंजाम दिया था। पुलिस अन्य सदस्यों को पकडऩे का प्रयास कर रही है।
गिरफ्तार बदमाश
- मंजीत ग्वाला पुत्र अजीत ग्वाला निवासी फाटापुकुर झांझीपुरा जिला जलपाईगुड़ी, वेस्ट बंगाल।
वांछित आरोपी
- रवि ग्वाला, जॉनी, विक्की, सुन्दर, शिवा, वीरू निवासी फाटापुकुर झांझीपुरा जिला जलपाईगुड़ी, वेस्ट बंगाल, वीरू निवासी बिहार