देहरादून (ब्यूरो) इंदिरापुरम में पेयजल सप्लाई बाधित रहने से डेढ़ हजार आबादी पानी के लिए तरस गई है। ऐसे में उपभोक्ताओं के रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हुए। बताया जा रहा है कि पेयजल लाइन का वॉल्व खराब होने से इंदिरापुरम, मोहित विहार, चक्की टोला, केशव विहार, एकता एन्क्लेव और जज कॉलोनी समेत कई क्षेत्रों में पेयजल संकट गहरा गया। उपभोक्ताओं ने टंकी के पास पहुंचकर पानी भरा। ऐसे में तमाम उपभोक्ता लंबी दूर तय कर पानी लाए। जल संस्थान की टीम ने गड्ढा खोदकर रविवार सुबह वाल्व दुरुस्त किया। इसके बाद सप्लाई शुरू हो पाई।

दूषित पानी की हो रही सप्लाई
बारिश शहर के कई हिस्सों में दूषित पानी की सप्लाई हो रही है। पूर्व विधायक राजकुमार ने बताया कि संडे को कर्जन रोड, खुड़बुड़ा मोहल्ला, कांवली रोड में पुलिस चौकी के पीछे, डीएल रोड, आर्य नगर, चंदर नगर और प्रीतम रोड में दूषित पानी की सप्लाई हुई है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में करीब 10-15 मिनट तक पानी दूषित आता है और इसके बाद साफ होने लगता है। सहायक अभियंता राघवेंद्र डोभाल ने बताया कि ऐसी कोई कंप्लेन दर्ज नहीं की गई है। फिर भी इसकी जांच कराई जा रही है।

दूषित पानी से बीमारियों का खतरा
दून मेडिकल कॉलेज के सीनियर फिजिशियन कुमार कौल ने बताया कि दूषित पानी के सेवन से शरीर में संक्रमण फैलता है। ऐसे में दस्त, उल्टी और पेट में कीड़े होने की संभावना हो सकती है। बेहतर इलाज न मिलने पर मरीज बेहोश भी हो सकता है। इसके अलावा किडनी और लीवर फेल होने का भी खतरा रहता है। उन्होंने सुझाया कि पानी को उबाल व छानकर पिएं।

425 योजनाएं, 584 करोड़ खर्च
केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत रूरल एरियाज में पेयजल पहुंंचाने के लिए हर घर नल जल योजना शुरू की। 2019 में शुरू की गई योजना के लिए देहरादून जिले में सर्वे के बाद 637 गांवों को योजना से जोडऩे का टारगेट रखा गया। इसके लिए 584 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। पेयजल निगम और जल संस्थान ने 129491 परिवारों को आइडेंटीफाई कर उन्हें पानी पहुंचाने के लिए 425 योजनाएं बनाई, जिसमें 311 ग्रेविटी योजना और 114 पंपिग योजना बनी।

75 योजनाएं अधूरी
योजना के तहत जिन गांवों में प्राकृतिक पानी के स्रोत हैं, उन्हें पाइपलाइन के जरिए टैप कर पानी पहुंचाना है। इसके अलावा जहां प्राकृतिक स्त्रोत मौजूद नहीं है, वहां बोङ्क्षरग कर पानी खींचना और पाइपलाइन की मदद सभी ग्रामीण परिवारों तक पहुंचाना है। योजनाओं के निर्माण का जिम्मा जल संस्थान और पेयजल निगम को संयुक्त रूप से सौंपा गया है। बीते पांच साल में 350 योजनाओं का काम पूरा किया गया है, इससे करीब एक लाख परिवारों को पानी कनेक्शन मिल पाया है। जबकि अभी भी जिले में 75 योजनाओं का काम अधूरा है। इससे करीब 30 हजार परिवारों तक पानी पहुंचाया जाना है।

जेजेएम योजना पर एक नजर
350
योजनाएं पूरी हो चुकी है पूरी
75
योजनाओं पर चल रहा काम
1.29
लाख परिवारों को जोड़ा जाना योजना से।
30
हजार परिवार अभी जुडऩे बाकी है।

कनेक्शन दिया, नहीं पहुंचा पानी
दून के ग्रामीण एरियाज में करीब 29 हजार से अधिक घरों में पाइपलाइन बिछाकर कनेक्शन दे दिया। लेकिन अभी तक वहां पानी नहीं पहुंचा। ऐसे में ग्रामीणों को काफी समस्याओं को सामना करना पड़ रहा है। कई गांवों में ग्रामीणों को अभी भी लंबी दूरी तय कर पानी लाना पड़ रहा है। हालांकि संबंधित विभाग दावा कर रहे हैं कि इस साल दिसंबर तक जेजेएम की योजनाएं पूरी करके सभी को शुद्ध पानी की आपूर्ति की जाएगी।

जेजेएम योजना के तहत सभी पेयजल योजनाओं पर काम तेजी से चल रहा है। मार्च 2025 तक योजनाओं को पूरा करने का टारगेट है। आपदा की स्थिति में तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के संबंधित अफसरों को निर्देश दिए गए हैं।
नीलिमा गर्ग, सीजीएम, जल संस्थान

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