देहरादून (ब्यूरो) शहर की आबादी तेजी से बढ़ रही है। नए मार्केट भी डेवलप हो रहे हैं। इसलिए पीने के पानी की डिमांड भी उसी तेजी के साथ बढ़ रही है। पानी के कारोबारी भी नियम-कानून न होने का फायदा उठाते हुए धड़ल्ले से मन-माफिक तरीके से पानी बेच रहे हैं। इससे जहां लोगों को क्वालिटीयुक्त पानी नहीं मिल रहा है वहीं सरकार को भी राजस्व की बड़ी हानि हो रही है।

सरकार को टैक्स लॉस
लोकल कंपनियां बिना टैक्स दिए ही पानी का दोहन कर रही हैं, जिससे राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। इन कंपनियों पर अंकुश लगाने के लिए विभाग भी हैं, लेकिन उन विभागों के पास अधिकार न होने से पानी के कारोबारी इसका लाभ उठा रहे हैं। कंपनियों की मनमानी और बीमारियों से भरे बोतल बंद पानी की बिक्री जारी है। इस पर सरकार और न प्रशासन व न ही जल से जुड़े विभाग अंकुश लगा पा रहे हैं, जिससे यह कारोबार धीरे-धीरे पांव फैलाता जा रहा है।

शुद्धता का कोई पैमाना नहीं
राजधानी दून में ब्रांडेड से लेकर लोकल पानी की बोतल, पाउच और केन का बिजनेस है। रेलवे स्टेशन, बस स्टॉप, शॉपिंग मॉल या फिर आफिसेज हों। जहां लोकल ब्रांड के पानी की बोतल और पाउच बिकते मिल जाएंगे। इन बोतल में भरा पानी कितना शुद्ध है, इसका कोई मानक तक नहीं है। हां, दाम जरूर ब्रांडेड कंपनियों जैसे हैं। भीषण गर्मी के चलते लोग प्यास बुझाने के लिए मजबूरी में लोकल पानी खरीदते हैं। 20 लीटर के एक कैन की कीमत 40 रुपए से लेकर 60 रुपए तक रोजाना है।

प्रतिष्ठानों से घरों तक सप्लाई
लोकल पानी का कारोबार हर दिन करोड़ों रुपये का है। करीब डेढ़ से दो लाख बोतल की बिक्री हर रोज सिटी में हो रही है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों से लेकर घरों तक केन से वाटर सप्लाई हो रहा है। पब्लिक से 15 से 20 रुपए रोजाना एक बोतल के वसूले जा रहे हैं। बोतलबंद पानी का करीब दो से ढाई करोड़ रोजाना का कारोबार है। जबकि पाउच और पानी के केन का भी लाखों का कारोबार है।

लोकल पानी की कीमत भी 20 रुपए
लोकल ब्रांड पानी की बोतल की कीमत तीन से चार रुपये आती है। ठंडे पानी के नाम पर 20 रुपये तक वसूले जाते हैं। यह कारोबारी सरकार को कोई टैक्स नहीं देते। कार्रवाई के नाम पर एक-दो लोगों को पकड़ा जरूर जाता है, लेकिन ये कारोबार धड़ल्ले से जारी है। दुकानदार को इन बोतलों की बिक्री में भारी कमीशन मिलता है। लिहाजा, वो भी खुलेआम इन्हें बेचने से गुरेज नहीं करते।

बगैर गाइडलाइन के प्लांट
शुद्ध पेयजल की डिमांड के चलते शहर में आरओ वाटर प्लांट सह दुकान खुल रही है। राजधानी के ही अलग-अलग हिस्सों में फिलहाल 100 से ज्यादा आरओ वाटर प्लांट संचालित हो रहे हैं। यह सभी प्लांट बिना किसी गाइडलाइन के अवैध तरीके से चल रहे हैं। ऐसे प्लांट या दुकान 40 से 50 रुपये में 20 लीटर पानी बोतल में भर कर बेच कर मुनाफा कमा रहे हैं।

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