- डस्टबिन हटाए, तो खुले में डाला जाने लगा कूड़ा
- सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में भी नगर निगम फिसड्डी


देहरादून, 11 अगस्त (ब्यूरो)।
दून को डस्टबिन फ्री सिटी बनाने के लिए नगर निगम ने कई जगह से डस्टबिन हटा लिए, नतीजा यह रहा कि अब कूड़ा लोग खुले में फेंकने लगे हैैं। इससे शहर डस्टबिन फ्री तो होने लगा, लेकिन कूड़ा फ्री नहीं हो पा रहा है। वहीं, गार्बेज सेग्रिगेशन की हर स्कीम जमीन पर नहीं उतर पा रही है, कूड़े के ढेर बजबजा रहे हैैं और वेस्ट मैनेजमेंट में भी नगर निगम नाकाम रहा है। ऐसे में स्वच्छ दून का नारा कैसे बुलंद हो ये बड़ा सवाल है। सवाल यह भी है कि निगम का दून को स्वच्छ शहरों में टॉप-10 में लाने का दावा क्या हकीकत में बदल पाएगा।

डस्टबिन हटाए तो खुले में कूड़ा
डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन को प्रमोट करने के लिए नगर निगम ने सिटी को डस्टबिन फ्री बनाने की योजना शुरू की। कई इलाकों से डस्टबिन हटाए गए, लेकिन लोग आदत से बाज नहीं आए। अब वे उसी जगह खुले में कूड़ा फेंक रहे हैैं, जहां कुछ वक्त पहले डस्टबिन रखे गए थे।

शीशमबाड़ा में कूड़े के पहाड़
शीशमबाड़ा सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में शहरभर का कूड़ा डंप कर उसे डिकंपोज किया जाना था। लेकिन, निगम की यह योजना भी जमीन पर नहीं उतर पाई। शहर का कूड़ा शीशमबाड़ा में डंप किया जा रहा है, यहां सूखा कूड़ा तो अलग किया जाता है, लेकिन गीले कूड़े को प्लांट में अवैज्ञानिक तरीके से छोड़ दिया जाता है। हाल यह है कि यहां कूड़े के पहाड़ खड़े हो गए हैैं। गंदगी से इलाके के लोग परेशान हैैं और प्लांट शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैैं।

ऐसे होना था वेस्ट मैनेजमेंट
घरों से सेग्रिगेट किया गया कूड़ा कलेक्ट किया जाना था। कूड़े को कैटेगराइज कर अलग-अलग रखा जाना था। गीले कूड़े की खाद बनाई जानी थी और सूखा कूड़ा रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जाना था। ताकि, इसका दोबारा यूज हो सके। मेडिकल वेस्ट को मेडिकल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पास भेजा जाना था। लेकिन, सेग्रिगेशन हो ही नहीं रहा तो ये सारी प्रक्रिया ठप है।

यहां बन रहे कूड़ा निस्तारण केन्द्र
कारगी चौक
कैनाल रोड
सहस्रधारा क्रॉसिंग
पटेलनगर
निंरजनपुर सब्जी मंडी
धर्मपुर
नेहरू कॉलोनी
मद्रासी कॉलोनी


सिटी के कई एरिया ऐसे हैं जहां हमेशा खुले में कूड़ा फैला रहता है। पहले यहां डस्टबिन रखे रहते थे। अब डस्टबिन हटा दिए गए हैैं, लेकिन लोग कूड़ा यहीं डाल रहे हैैं। गंदगी से लोग परेशान हैैं।
सुमित खन्ना

नगर निगम की ओर से जो भी डम्पिंग जोन बनाए गए हैं, वे आबादी के पास है। स्थानीय लोग कई बार विरोध भी कर चुके हैं लेकिन इस विषय में निगम ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है।
रीता ग्रोवर

वार्ड में कूड़ा लेने वाली गाड़ी आवाज तो लगाती है कि गीला व सूखा अलग-अलग करके दें। लेकिन, जब हम उन्हें कूड़ा अलग करके देते हैैं तो वे उसे एक साथ मिला देते हैैं। इससे क्या फायदा।
मोहित ग्रोवर

कई बार शिकायत के बाद भी कूड़ा उठाने के लिए गाड़ी समय पर नहीं पहुंचती। गाड़ी जब आती भी है तो कब चली जाती है पता ही नहीं चलता। इसके लिए नगर निगम को प्रॉपर प्लान बनाना चाहिए।
हनी गोगई

टॉप-10 में स्थान बनाने के लिए नगर निगम को प्रॉपर प्लान बनाकर इसे लागू करवाना चाहिए। हर बार प्लान बनाने का दावा किया जाता है। लेकिन, इसके अमल में लाने के लिए लापरवाही बरती जा रही है।
अनिल थापा

ऑफिशियल स्टैैंड
बीते पांच सालों में लगातार रैकिंग में सुधार हो रहा है। वहीं पब्लिक को भी चाहिए कि वे घर से ही कूड़े को सेग्रीगेट कर ही गाड़ी में अलग-अलग डिब्बे में डाले, जिससे उसे आगे भी सेग्रीगेट कर सैपरेट कर डिकम्पोज किया जा सके।
रोहिताश शर्मा, उप नगर आयुक्त , नगर निगम
dehradun@inext.co.in