देहरादून (ब्यूरो) दून से लेकर पूरे प्रदेश में 1245 हेक्टेयर वन क्षेत्र आग की चपेट में आया है। आग की लपटों से करोड़ों की संपत्ति के साथ ही हरियाली गायब हुई है। सबसे ज्यादा आग चीड़ के जंगलों में लगी है। दून में मसूरी वन प्रभाग के तहत 10 जगहों पर आग लगी हुई है। गढ़वाल में 535 और कुमाऊं में 598 जगहों पर आग ने जंगलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। इसके साथ ही 122 वाइल्ड लाइफ एरिया भी आग की चपेट में आए हैं। पिछले 24 घंटे में आगजनी की एक भी घटना सामने नहीं आई है।
456 मुकदमे किए दर्ज
वन विभाग की ओर से जंगल में आग लगाने वालों की गिरफ्तारी और मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई भी जारी है। आग लगाने के आरोप में अब तक वन अधिनियम के तहत 456 मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इसमें 92 लोग ज्ञात और 390 अज्ञात लोग शामिल हैं। जबकि 92 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किए गए हैं।
66 किए गए गिरफ्तार
वन विभाग ने अब तक जंगल में आग लगाने पर वन अपराध के तहत कुल 456 केस दर्ज किए हैं। आगजनी के आरोप में कुल 66 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, फायर सीजन में अब तक कुल 1245 घटनाओं में 1700.12 हेक्टेयर वन क्षेत्र जल कर राख हुआ है।
10 की मौत, 9 घायल
आग बढऩे के साथ ही मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। आग बुझाने के दौरान अब तक 10 लोगों की जान चले गई है, जबकि 9 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मरने वालों में 9 वन विभाग के कर्मचारी हैं। 13 मई को अल्मोड़ा में आग बुझा रहे 4 वन कर्मियों की झुलसने से मौत हो गई थी। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले दो आईएफएस को निलंबित किया गया है, जबकि एक अफसर को मुख्यालय अटैच किया गया।
इन नंबरों पर दें आग की सूचना
18001804141, 01352744558
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