देहरादून, ब्यूरो:
रोडवेज की वॉल्वो सेवा में कमी को लेकर परिवहन निगम के पास पैसेंजर से लेकर कर्मचारी भी कई बार शिकायत कर चुके हैं। इसके बाद भी कोई कार्रवाई अब तक नहीं हो पाई। नतीजतन पब्लिक को ज्यादा पैसे देकर भी डिफेक्टिव गाडिय़ों में सफर करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। लेकिन, इसके बाद भी रोडवेज के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
रोडवेज में बसों की संख्या
रोडवेज की अपनी बसें- 900
अनुबंधित- 400
वॉल्वो व हाईटेक- 65
सीएनजी- 8
ये मिलीं परेशानियां
रोडवेज की वॉल्वो बसों का दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जायजा लिया तो इस दौरान इन बसों में कई कमियां मिलीं। जब इस विषय में ड्राइवर कंडक्टर से बात की तो उन्होंने कई बार शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होने की बात कही। उनका कहना था कि निगम को बसों में कमी की जानकारी दे दी गई है। लेकिन, कई बार आश्वासन देने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही है। वॉल्वो बसों में चार्जिंग प्वाइंट, सीट स्क्रीन, बैक लाइट, पैनिक बटन भी खराब मिला। इस विषय में जब अधिकारियों से बात की तो उन्होंने इसे जल्द ठीक कराने का आश्वासन दिया।
चार्जिंग प्वाइंट मिले खराब
वॉल्वो की दिल्ली रूट की नॉट स्टॉप बसों में लगे अधिकतर चार्जिंग प्वाइंट खराब मिले। किसी के केबल निकले हुए थे तो किसी चार्जिंग प्वाइंट के चिप तक निकली हुई थी। जिससे किसी के लिए भी चार्ज कर पाना मुमकिन नहीं है।
फ्रंट शीशा भी मिला टूटा
रोडवेज की दिल्ली रूट पर चल रही अनुबंधित वॉल्वो बस का शीशा भी टूटा हुआ मिला। यही नहीं इस बस में लगे पर्दे भी निकले हुए थे। जब इस विषय पर बस के कर्मचारी से बात की तो उसके अनुसार बस के पर्दे हटाने के लिए दिल्ली सरकार का ऑर्डर है। जिसके कारण इसे हटाया गया है। जबकि इसके उलट प्राइवेट बसों में पहले की तरह खिड़की में पर्दे लगे हुए मिले।
शोपीस बनी स्क्रीन
रोडवेज के वॉल्वो सुविधा के तहत पैसेंजर को उनकी सीट के आगे लगे स्क्रीन में पिक्चर देखने की सुविधा दी जाती थी। जबकि अब ये भी बंद पड़ी है जिससे शोपीस बने स्क्रीन की पिक्चर भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है।
हम उत्तराखंड रोडवेज की बसों में सफर करने से बचते हैं। इसका कारण ये है कि कई बार सुविधा के नाम पर पैसे तो लेते हैं, लेकिन सुविधा नहीं मिल पाती। इसके कारण हम प्राइवेट बसों में सफर करना बेहतर समझते हैं।
अनूप नेगी, पैसेंजर
रोडवेज की बसों में सुविधा के नाम पर केवल मजाक होता है। यहां दिखाने के लिए तो चार्जर होते हैं। लेकिन, इससे चार्ज नहीं हो पाता। इसका कारण इनका खराब होना है। ऐसे में सामान्य बसों में सफर करना बेहतर है।
सुमन, पैसेंजर
वॉल्वो में अगर चार्जिंग प्वाइंट खराब हैं, तो इसकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा अगर बैक लाइट और स्क्रीन खराब हैं तो जरूरी कार्रवाई की जाएगी। पैसेंजर को किसी तरह की दिक्कत होने पर कार्य पूरा कराया जाएगा।
दीपक जैन, जीएम रोडवेज