देहरादून (ब्यूरो) : सीएम ने हाल में ली बैठक में विभागीय अधिकारियों को 30 नवंबर तक सड़कों के गड्ढे भरने के निर्देश दिए हैं। जोहड़ी-जाखन की ये कब सड़क बनेगी, शायद कुछ कहना जल्दबाजी होगा। लेकिन, स्थानीय लोगों की उम्मीदें बरकरार हैं। स्थानीय निवासयों की मानें तो यह वीआईपी रोड भी है। यहीं से तमाम इलाकों के लिए वीआईपी वाहन निकलते हैं। लेकिन, लंबे समय से सड़क ऐसे ही हाल में नजर आ रही है। देखने पर लग रहा है कि ये बरसात के सीजन की सड़कें होंगी। इसीलिए लगातार बारिश से इलाके में सड़कों का ये हाल होगा। लेकिन, ऐसा नहीं है। ये आजकल का ही हाल है। सड़क पर पानी ही पानी नजर आ रहा है। जोहड़ी-जाखन रोड इलाके के स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ लोग सड़क पर ही अपने वाहनों की धुलाई करते हैं। जिस कारण यहां सड़क पर पानी ही पानी नजर आता है। इलाकेवासियों का कहना है कि कई बार संबंधित विभाग पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड दून से शिकायत भी दर्ज कराई गई है। लेकिन, उनकी कोई सुनने वाला नहीं है। स्थानीय लोगों का पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। इसको लेकर अब क्षेत्रवासियों में आक्रोश बढ़ते ही जा रहा है। लोगों का कहना है कि जल्द सड़क की मरम्मत न की गई तो उसके लिए वे आंदोलन शुरू कर देंगे। शिकायतकर्ता में सोशल एक्टिविसट एसपी शर्मा, ब्रिगेडियर मुकेश जोशी, कर्नल विजय पंत, संजीव नेगी, लविना शाही, बलवंत रावत, समीर थापा, देवेन्द्र पंत, मुकेश सैनी आदि शामिल है।

इस रोड से जाने वाले इन इलाकों में जाते हैं वाहन

-राजभवन
-सीएम आवास
-मिलिट्री हॉस्पिटल
-मिलिट्री एरिया
-गूच्चूपानी
-गुनियाल गांव
-सालान गांव
-अंतारा गांव
-चंद्रोटी गांव
-बिष्ट गांव
-सिनौला

शुरुआत में इलाके में वाहनों की ज्यादातर आवाजाही नहीं हुआ करती थी। लेकिन, अब रोड से कई इलाकों के लिए रोज हजारों की संख्या में वाहन गुजरते हैं। पहले से संकरी रोड, ऊपर से सड़कों पर गड्ढे स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं।
-पूनम सूद, स्थानीय निवासी

उत्तराखंड में ग्लोबल इन्वेस्टर्स, आपदा प्रबंधन पर अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार जैसे आयोजन हो रहे हैं। राजधानी की सड़कें तैयार करने के लिए समयसीमा तय की गई है। लेकिन, इस तरफ किसी का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिससे लोग परेशान हैं।
-बलवंत रावत, स्थानीय निवासी।

सड़कों की बदहाल स्थिति व गड्ढे भरने के लिए पहले ही सीएम ने 30 नवंबर तक डेडलाइन दी है। लेकिन, जोहड़ी जाखन रोड पर कोई सुध लेने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा लगता है कि विभाग सीएम तक की नहीं सुन रहे हैं।
-मेघराज जैन, स्थानीय निवासी।

कई बार संबंधित विभाग को इसकी जानकारी दे दी गई है। लेकिन, कोई सुनने को तैयार नहीं है। ऐसा लगता है कि अब स्थानीय इलाकेवासियों को आंदेालन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
-कर्नल(रिटा.)विजय पंत, स्थानीय निवासी।

इस रोड पर हर दिन रोजाना हजारों वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। लेकिन, कोई पूछने वाला नहीं। सड़क की बदहाल स्थिति को देखते हुए हर रोज लोग परेशान हो रहे हैं। कल ही स्कूटी सवार लड़की घायल हो गई। मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा।
-एसपी शर्मा, सोशल एक्टिविस्ट।

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