देहरादून, ब्यूरो:
कोरोना महामारी के कारण कई लोगों की जानें चली गईं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। कई ऐसे बच्चे शामिल रहे। जिनके माता-पिता या फिर माता व पिता में से किसी एक की कोरोना के चपेट में आने से जान चली गई। सरकार ने ऐसे प्रभावित को सहारा देने के लिए मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत 1 मार्च 2020 से लेकर 31 मार्च 2022 तक वैध माना। मतलब, इस समयावधि में जिन बच्चों ने अपने पैरेंट्स को खोया वे वात्सल्य योजना से कवर किए जाएंगे। जिसके बदले में सरकार की ओर से तीन हजार प्रभावितों के खाते में सीधे ट्रांसफर किए जाएंगे। हालांकि, इस बीच डेट 31 मार्च से बढ़ाकर 31 मई 2022 किया गया।

पुनर्वास के लिए काम कर रहा विभाग
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास नोडल विभाग के तौर पर काम कर रहा है। करीब दो साल से जारी सीएम वात्सल्य योजना के तहत सरकार ने स्पष्ट किया हुआ है कि प्रभावितों की देखभाल, पुनर्वास, चल-अचल संपत्ति, उत्तराधिकारियों व विधिक अधिकारियों के संरक्षण के लिए इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। इसके लिए तहसील लेवल पर आवेदन रहा। जिसके तहत नायब तहसीलदार, प्रभारी नायब हरिद्वार 439 तहसीलदार नोडल अधिकारी बनाए गए। आवेदन पूरी तरह जांच-परख के बाद आवेदनकर्ता प्रभावित के खाते सीधे 3000 रुपये ट्रांसफर किए जा रहे है। इसकी लास्ट डेट 31 मई 2022 रही। विभाग ने अब नए आवेदन लेने से मनाही कर दी है।


लाभार्थियों की स्थिति
देहरादून - 789
बागेश्वर - 269
नैनीताल - 758
चमोली - 177
यूएसनगर - 789
चंपावत- 284
टिहरी - 692
पिथौरागढ़ -95
रुद्रप्रयाग- 289
अल्मोड़ा-285
पौड़ी- 589
हरिद्वार- 486
उत्तरकाशी- 498


स्कू्रटनी के बाद मिलेगा लाभ
सीएम वात्सल्य योजना के तहत आने वाले बच्चों को लाभ देने से पहले सचिव ने इन पात्रों को लाभ देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।


मैदानी इलाकों में ज्यादा आवेदन
कोविडकाल में मैदानी जिलों में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए है। मौतें भी ज्यादा हुई। इस प्रकार से सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मैदानी जिलों को इस योजना का लाभ ज्यादा मिल सकेगा।


प्रशासन को सौंपी जिम्मेदारी
जिले में वात्सल्य योजना का लाभ जल्द जल्द दिलाने के लिए एसडीएम, तहसीलदार व जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय को जांच के निर्देश दिए गए है। विभाग ने इसके लिए जानकारी भी मुहैया कराई है।


वर्जन
योजना का लाभ जल्द से जल्द पात्रों को मिले। इसके लिए प्रशासन को कहा गया है। इसके साथ ही एप्लीकेशन के दिए गए कागजों की जांच के बाद ही लाभार्थी को सुविधा मिल सकेगी। अधिक से अधिक इस योजना का हिस्सा बने इसलिए इस योजना के लिए दो माह तक आवेदन का समय बढ़ाया गया।
हेमचन्द्र सेमवाल, सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास