-इंडो-इजराइल एग्री प्रोजेक्ट के सहयोग से उत्तराखंड राज्य में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए बैठक

देहरादून, 27 जून (ब्यूरो)। कृषि मंत्री ने बताया कि इसमें इजऱाइली एग्रीकल्चर प्रौद्योगिकियों को स्थानीय भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित कर तकनीकी ज्ञान प्रसारित करना है। बताया, इजराइल की कृषि तकनीक को सीखने के लिये उत्तराखंड का एक दल जल्द ही इजराइल जायेगा। इस अवसर पर राज्यपाल द्वारा एंबेसी ऑफ इजराइल नई दिल्ली से आये हुए येअर इशेल का स्वागत किया गया। इशेल द्वारा अवगत कराया गया कि भारत में इंडो-इजराइल एग्रीकल्चर परियोजना के तहत 24 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये जा चुके हैं। उत्तराखंड में मैदानी व घाटी क्षेत्रों में बेहतर बागवानी की संभावनाओं को देखते हुए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किये जायेंगे। जिसमें पंतनगर विवि का सहयोग प्राप्त किया जायेगा।

मिशन मोड पर होगा काम
इस दौरान राज्यपाल ने इजराइल द्वारा देश में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। उन्होंने अवगत कराया गया कि इजराइल में ड्राई लेंड फार्मिंग में कृषि क्षेत्र में कम पानी के समुचित प्रयोग के द्वारा ज्यादा प्रोडक्शन किया जा रहा है। इजराइल भ्रमण के दौरान वहां पर किये जा रहे रिसर्च व डेवलेपमेंट कार्यों को देखा गया, जो कृषि एवं औद्यानिकी के क्षेत्र में एक क्रांति लाए हैं। राज्यपाल ने निर्देश दिए कि उत्तराखंड में इस कार्य को करने के लिए मिशन मोड में स्पष्ट उद्देश्य, विजन, रोड मैप के साथ कार्य किये जाने की आवश्यकता है। इसके लिए विभाग, पंतनगर विवि की ओर से पूरी तैयारी के साथ कार्यवाही की जानी चाहिए। इंडो-इजराइल प्रतिनिधियों को उत्तराखंड की केदारघाटी के शहद को प्रतीक के तौर पर भेंट किया गया। सचिव कृषि दीपेन्द्र चौधरी ने बताया कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना के लिए मिशन मोड पर काम किया जाएगा। बैठक में अपर सचिव व डायरेक्टर उद्यान रणवीर सिंह चौहान, इंडो इजराइल सेंटर फॉर एक्सीलेंस की स्थापना के लिए पधारे ब्रह्मादेव, प्रोजेक्ट अफसर इजराइल एम्बेसी व जीबी पंत विवि के कुलपति डॉ। मनमोहन सिंह मौजूद रहे।