देहरादून (ब्यूरो) इस बीच धरने पर बैठे हरिद्वार जिलाध्यक्ष योगेंद्र बडोनी ने खुद पर पेट्रोल डाल दिया। जिससे वहां अफरातफरी मच गई। मौके पर मौजूद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। बाद में अन्य उपनल कर्मियों को भी हिरासत में लेकर एकता विहार स्थित धरना स्थल भेज दिया। उपनल कर्मियों का कहना है कि वह पिछले 15 से 18 वर्ष से विभिन्न विभागों में अल्प वेतन पर कार्य कर रहे हैं। जिनकी उम्र 40 से 45 वर्ष की चुकी है। पर उन्हें नियमित करने के बजाय बिना कारण नौकरी से हटाया जा रहा है। जो कार्य कर भी रहे हैं उन्हें न तो समय पर वेतन दिया जा रहा है और न ही महंगाई के अनुरूप वेतन बढ़ोतरी की जा रही है। जबकि राजकीय कर्मचारियों का वर्ष 2021 से अभी तक कई बार महंगाई भत्ता बढ़ा दिया गया है।
नियमितीकरण की उठाई मांग
कहा कि सरकार के पास उपनल कर्मियों को समय से वेतन देने व वेतन बढ़ोतरी के लिए पैसा नहीं है, पर सुप्रीम कोर्ट में प्रति सुनवाई 20 लाख रुपये खर्च किए जा रहे हैं। जिस कारण समस्त उपनल कर्मियों में रोष है। उन्होंने मांग की कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी को तुरंत वापस लेकर नैनीताल हाईकोर्ट के निर्णय के अनुरूप उपनल कर्मियों का नियमितीकरण करें। मंत्री के आवास कूच करने वालों में उपनल कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष विनोद गोदियाल, महेश भट्टï, गणेश गोदियाल, राकेश राणा, प्रमोद गुसाईं, विनय प्रसाद, संदीप कुमार, विजयराम, नरेश थपलियाल, योगेश अनिल शामिल रहे।
पुलिस-प्रदर्शनकारियों में तकरार
पुलिस ने उपनल कर्मियों को सुभाष रोड पर लगी बैरिकेङ्क्षडग पर रोक लिया। कुछ कर्मचारी बैरिकेङ्क्षडग पर ही रुक गए, जबकि कुछ कनक चौक की तरफ आ गए। जहां से उन्होंने एस्लेहॉल की तरफ बढऩे का प्रयास किया। यहां मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया। जिस पर पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। बाद में पुलिस ने उन्हें वापस सुभाष रोड की तरफ भेज दिया।
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