-सीएम ने विजय दिवस के मौके पर शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

देहरादून, 17 दिसम्बर (ब्यूरो)। सीएम ने ऐलान किया कि सैनिक आश्रितों को भर्ती पूर्व दिये जाने वाले ट्रेनिंग के दौरान भोजन व्यवस्था के लिए रोजाना दी जाने वाली धनराशि 80 से बढ़ाकर 225 रुपए प्रति प्रशिक्षणार्थी की जाएगी। राज्य के गढ़वाल और कुमांऊ मंडल में सैनिक आश्रित युवाओं को सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास विभाग की ओर से 56 दिनों की निशुल्क ट्रेनिंग दी जाती है।

शौर्य व पराक्रम का उत्सव मनाने का दिन
सीएम ने कहा कि आज का दिन भारतीय सेना के वीर जवानों के अदम्य साहस, शौर्य और पराक्रम का उत्सव मनाने का दिन है। 1971 का युद्ध अमानवीयता पर मानवता, दुराचार पर सदाचार और अन्याय पर न्याय की जीत का युद्ध था। इसी दिन वर्ष 1971 में पाकिस्तान के 93,000 से अधिक सैनिकों ने हमारे वीर बहादुर सैनिकों के समक्ष घुटने टेके थे। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद किसी भी सेना का यह सबसे बड़ा आत्मसमर्पण था। ये युद्ध भारत के वीरों के अटल संकल्प और बलिदान का प्रत्यक्ष उदाहरण था। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, विधायक खजान दास आदि मौजूद रहे।

एकमुश्त अनुदान राशि में की बढ़ोत्तरी
सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन के अनुरूप दून में पांचवे धाम सैन्य धाम का निर्माण कार्य प्रगति पर है। राज्य सरकार ने उत्तराखंड के वीरता पदक से सम्मानित सैनिकों को देय एकमुश्त अनुदान राशि में भी वृद्धि की है। जिसके तहत परमवीर चक्र से सम्मानित सैनिक को 30 से 50 लाख, महावीर चक्र 20 से 35 लाख, कीर्ति चक्र 20 से 35 लाख, वीर चक्र और शौर्य चक्र 15 से 25 लाख और सेना गैलेंट्री मेडल 7 से 15 लाख करने को मंजूरी दी गई। जबकि, सेकेंड वल्र्ड वॉर में भाग लेने वाले सैनिकों की वीरांगनाओं व वेटरन की पेंशन प्रतिमाह 8 हजार रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपए की है। जबकि, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और उनकी विधवाओं की प्रतिमाह पेंशन 21 से बढ़ाकर 25 हजार की गई है।


शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु के आवास पर जाकर दी श्रद्धांजलि
सीएम धामी ने सैटरडे को शहीद स्क्वाड्रन लीडर अभिमन्यु राय के आवास पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस दौरान शहीद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।

बलिदानी अशोक थापा को गौरव पत्र सम्मान
इंटेलीजेंस कोर कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल प्रदीप कुमार चहल की पहल पर सैटरडे को गढ़ी कैंट स्थित इंटेलीजेंस अधिकारियों ने क्लेमेंट टाउन निवासी हवलदार बलिदानी अशोक थापा, सेना मेडल (मरणोपरांत) को गौरव पत्र से सम्मानित किया। वह पुरस्कार उनकी पत्नी प्रभा थापा ने ग्रहण किया। इंटेलीजेंस कोर कमांडेंट ले।जन। प्रदीप कुमार चहल ने भारत के ऐसे ही वीर सपूतों के शौर्य व साहस को सलाम करने व उनके शौर्य को कभी न भूलने के लिए नई पहल शुरू की है। देश की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों के घर-परिवार, उनके परिजनों का ख्याल रखने व उनका हाल चाल जानने की जिम्मेदारी ली है। इस कार्य के लिए वे स्वयं व अपनी इंटेलीजेंस कोर के सैनिकों को यह जिम्मा सौंपा है।

9 जून 1994 को वीरगति को प्राप्त हुए
भारतीय सेना की ओर से वर्ष 194 में चलाए गए ऑपरेशन हिफाजत के तहत 57 माउंटेन डिवीजन की इंटेलीजेंस व फील्ड सिक्योरिटी कंपनी मणिपुर में तैनात थी। जिसमें हवलदार अशोक थापा तैनात थे। अशोक थापा 9 जून, 194 को विद्रोहियों से लोहा लिया और मुठभेड़ में अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। जिस वक्त वे वीरगति को प्राप्त हुए, उस दौरान उनकी शादी को केवल तीन वर्ष हुए थे। वे अपने पीछे अपनी पत्नी व छह माह की बेटी को छोड़ गए थे। शनिवार को गौरव सम्मान देते समय गढ़ीकैंट इंटेलीजेंस के अधिकारियों ने प्रभा थापा की बात कमांडेंट इंटेलीजेंस ले जन प्रदीप कुमार चहल से भी करवाई।