-टेंपल कमेटी का दावा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने द्वार के उपचार रखरखाव का कार्य शुरू किया
देहरादून, 11 अगस्त (ब्यूरो)। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बीते वर्ष 2022 में शासन से बदरीनाथ मंदिर सिंह द्वार व लक्ष्मी मंदिर की दीवारों में सूक्ष्म दरारों और सिंह द्वार के बीच में हल्के जल रिसाव के उपचार का आग्रह किया था। बाकायदा, उन्होंने एएसआई अपर महानिदेशक ( संरक्षण एवं वल्र्ड हेरिटेज) जान्ह्वीज शर्मा से भी इस बारे में बात की थी। जिस पर माह अक्टूबर 2022 के प्रथम सप्ताह में आर्किलाजिकल सर्वे आफ इंडिया ने अपनी टीम से सिंह द्वार का निरीक्षण कराया था। इसके बाद सिंह द्वार में हल्की दरारों की पुष्टि हुई थी।
ट्रायल को लगाए गए थे ग्लास टायल
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा। हरीश गौड़ ने बताया कि एएसआई ने दरारों के वृहद परीक्षण के लिए ग्लास टायल लगाये थे। जिससे दरारों के घटने-बढऩे का सही आंकलन किया जा सके। ग्लास टायल लगाने के बाद दोबारा एएसआई की ओर से सिंह द्वार का निरीक्षण किया गया। लेकिन, दरारों में अधिक बदलाव व बढ़ोतरी नहीं हुई और न ही भूधंसाव आंका गया। अब इसके बाद फस्र्ट फेज के उपचार में सिंह द्वार के दायें ओर से मरम्मत का कार्य शुरू हो गया है। सिंह द्वार के दोनों छोर का क्रमश: उपचार कार्य किया जा रहा है। बाकायदा, सिंह द्वार के उपचार कार्य से पहले विधिवत पूजा अर्चना की गयी। इस अवसर पर बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित सहायक अभियंता गिरीश देवली, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल, वेदपाठी रविन्द्र भट्ट, एएसआई ट्रीटमेंट एक्सपर्ट नीरज मैठाणी एवं आशीष सेमवाल अवर अभियंता गिरीश रावत आदि मौजूद रहे।