देहरादून ब्यूरो।
दून सिटी के दो-चार या दर्जन-दो दर्जन ऐसी सड़कें नहीं हैं, जिनके किनारे ट्रैफिक बाधित करने वाले ये ट्रांसफार्मर लगे हों, बल्कि सिटी की कोई सड़क ऐसी नहीं है, जिसके किनारे ऐसे ट्रांसफार्मर न लगे हों। ज्यादातर सड़कें सिटी में ऐसी हैं, जिन पर थोड़ी-थोड़ी दूरी तक बिजली के ट्रांसफार्मर नजर आ जाते हैं।
कुछ ट्रांसफार्मर खुले
सड़कों के किनारे बिजली ट्रांसफार्मर असुरक्षित, लेकिन आम बात है। इसे खतरे को कम करने के लिए ऐसे ट्रांसफार्मर को ग्रिल लगाकर सुरक्षित करने का प्रयास किया जाता है। दून की सड़कों पर भी ट्रांसफार्मर का इस तरह ही ग्रिल लगातार कवर करने का प्रयास किया गया है। लेकिन, इसके बावजूद बड़ी संख्या में ऐसे ट्रांसफार्मर दिख जाएंगे, जो या तो कवर नहीं किये गये हैं या फिर बेहद लापरवाही से और दिखाने भर के लिए कवर किये गये हैं। सड़क पर चलने वाले बेशक खुद को सुरक्षित रखकर चल लें, लेकिन वहां से गुजरने वाले पशुओं को तो इससे खतरा बना ही रहता है। दून में इस तरह की घटनाएं हो भी चुकी हैं।
हटाने की सिर्फ बातें
दून में सड़कों के किनारे लगाये गये ट्रांसफार्मर को हटाने की बातें कई बार हुई हैं। करीब 4 वर्ष पहले सहारनपुर रोड को मॉडल रोड के रूप में डेवलप करने की बात हुई थी। इस रोड के ऊपर की सभी इलेक्ट्रिक और दूसरी लाइन को अंडरग्राउंड करने के साथ ही सड़कों के किनारे के ट्रांसफार्मर हटाने की भी बात कही गई थी, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। ट्रैफिक पुलिस भी मानती है कि सड़कों के किनारे के ट्रांसफार्मर ट्रैफिक को स्मूथ रखने की रोड़ा अटकाते हैं, इन्हें हटाना जरूरी है, लेकिन फिर भी कुछ नहीं हो पा रहा है।
सड़क किनारे ही ट्रांसफार्मर क्यों
देहरादून के लोगों के लिए यह आम बात है। हमें तो लगता है कि सड़के के किनारे ट्रांसफार्मर होना जरूरी है। यदि ऐसा नहीं होता तो ट्रांसफार्मर सड़कों से कुछ दूर सुरक्षित जगह लगाना इतना मुश्किल भी नहीं है।
- सुशील सैनी
दून को स्मार्ट सिटी बनाने की बात पिछले 5-6 साल से सुन रहे हैं। स्मार्ट सिटी का हाल ये है कि बिजली के पोल गल कर गिरने को तैयार हैं। सड़कों के किनारे ट्रांसफार्मर लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं, लेकिन किसी को कोई परेशानी नहीं हो रही है।
- अभिषेक राय
यह लोगों के जीवन की सुरक्षा से जुड़ा सवाल है। इस पर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाना चाहिए। लेकिन ऐसा दून में हो नहीं रहा है। जीवन के लिए यह खतरा कदम-कदम पर बना हुआ है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
- दिनेश कुमार