बेरोजगार एलोपैथिक डिप्लोमा फार्मेसिस्टों ने अपनी 14 मांगों को लेकर सोमवार को सचिवालय कूच किया। हालांकि, पुलिस ने सचिवालय से पहले ही उन्हें बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। पुलिस के रोकने से नाराज फार्मेसिस्ट बैरिकेडिंग के पास ही धरने पर बैठ गए। बारिश के दौरान भी वह धरने पर डटे रहे। जिस पर पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन ले गई। शाम को स्वास्थ्य मंत्री डा। धन सिंह रावत ने फार्मेसिस्टों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। उन्होंने आश्वस्त किया कि जल्द शासन व अधिकारियों के साथ बैठक कर उनकी मांगों पर सकारात्मक फैसला किया जाएगा। महासंघ के अध्यक्ष महादेव गौड़ ने कहा कि सरकार आईपीएचएस मानकों का हवाला देकर फार्मेसिस्ट के रिक्त पदों पर भर्ती से इनकार कर रही है। जिससे बेरोजगार फार्मेसिस्टों में रोष है।
ये हैं मांग
-उपकेंद्रों पर सृजित फार्मेसिस्ट के 536 पदों पर आईपीएचएस मानकों में शिथिलता प्रदान करते हुए यथावत रखा जाए।
-रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाए।
-600 उपकेंद्रों पर संविदा के आधार पर की जा रही भर्ती के बजाय नियमित भर्ती हो।
-1368 स्वास्थ्य उपकेंद्रों पर फार्मेसिस्टों के पद सृजित हों।
-आशा व आंगनबाड़ी कार्यकत्र्ता से दवा वितरण के प्रस्ताव पर रोक लगे।
-सभी मेडिकल स्टोर में फार्मेसिस्ट की अनिवार्यता
-पशुपालन विभाग में 845 पशु सेवा केंद्रों पर फार्मेसिस्ट के पद सृजित हो।