देहरादून, ब्यूरो: राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की अनुमति के साथ देहरादून चिडिय़ाघर मेें टाइगर सफारी का रास्ता खुल गया है। टूरिस्ट अब देहरादून चिडिय़ाघर में गुलदार के साथ बाघ को भी देख सकेंगे। वन मंत्री सुबोध उनियाल आज चिडिय़ाघर में टाइगर बाड़े का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद चिडिय़ाघर में हायना और भालू लाने की योजना है।
इसी वर्ष फरवरी में रामनगर से दो शावक दून लाए गए, जिन्हें चिडिय़ाघर स्थित रेस्क्यू सेंटर में विशेषज्ञों की देखरेख में रखा गया था। ढेला रेस्क्यू सेंटर से दोनों शावकों को ट्रैंकुलाइज कर सड़क मार्ग से चिकित्सकों की टीम के साथ दून लाया गया। करीब एक माह तक विशेषज्ञ इनकी निगरानी की, ताकि ये नए बाड़ों में अभ्यस्त हो जाएं। साथ ही इनके खानपान का भी विशेष ध्यान रखने के साथ नियमित स्वास्थ्य जांच की गई.लेकिन,एनटीसीए की अनुमति न मिलने के चलते पार्क मेें टाइगर सफारी शुरू नहीं हो पा रही थी। इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे थे। अब एनटीसीए की अनुमति मिलने के बाद चिडिय़ाघर मेें टाइगर सफारी का रास्ता खुल गया है। इसी के साथ गढ़वाल के एकमात्र चिडिय़ाघर में पहली बार गुलदार के साथ बाघ भी पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।
टाइगर सफारी के लिए तीन किमी लंबा ट्रैक
देहरादून चिडिय़ाघर में टाइगर सफारी शुरू करने की कवायद काफी समय से चल रही थी। इसके शुरू होने से यहां पर्यटकों की संख्या में बढ़ेगी वहीं वन विभाग को राजस्व की प्राप्ति भी होगी। केंद्रीय चिडिय़ाघर प्राधिकरण की टीम ने करीब दो वर्ष पूर्व यहां स्थलीय निरीक्षण किया और सहमति के बाद निर्माण कार्य शुरू किए गए। करीब 25 हेक्टेयर में फैले इस चिडिय़ाघर में तीन किमी लंबा ट्रैक तैयार किया गया। इसके साथ ही बाघ, हायना समेत अन्य जीवों के बाड़े तैयार किए गए। अब बाघ के बाद भालू और हायना का इंतजार है।
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