देहरादून ब्यूरो। 2 अक्टूबर की बंद की तैयारियों के सिलसिले में देहरादून में सैटरडे शाम को मशाल जुलूस निकाला गया। बड़ी संख्या में दूनाइट्स गांधी पार्क के बाहर जमा हुए। यहां से मशाल लेकर क्लॉक टावर, पलटन बाजार और तहसील चौक होते हुए आंदोलनकारी कचहरी स्थित शहीद स्थल पहुंचे। यहां उत्तराखंड के शहीदों के साथ ही अंकिता भंडारी और जगदीश चंद्र को श्रद्धांजलि दी गई। मशाल जुलूस में सरकार विरोधी नारे लगाने के साथ ही अंकिता और जगदीश चंद्र को न्याय देने संबंधी नारे लगाये गये। आम लोगों और व्यापारियों से बंद के सहयोग करने की भी अपील की गई।
घरों में जलाये दीये
विभिन्न जन संगठनों और विपक्षी दलों के आह्वान पर रात 8 बजे दून सहित राज्यभर में लोगों ने घरों में दीये जलाकर उत्तराखंड के शहीदों, अंकिता और जगदीश चंद्र को श्रद्धांजलि दी। आंदोलनकारियों के अनुसार दीये जलाकर लोगों को दो अक्टूबर के आंदोलन में शामिल होने का संदेश भी दिया गया।
कांग्रेस व उपपा ने दिया समर्थन
2 अक्टूबर के बंद को प्रदेश कांग्रेस और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने भी समर्थन देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड क्रांतिदल और वामपंथी पार्टियां पहले दिन से ही जन संगठनों के इस बंद के समर्थन में हैं। हालांकि निजी तौर में कांग्रेस से जुड़े कई नेता पहले ही इस बंद के समर्थन में आ गये थे, लेकिन सैटरडे को कांग्रेस ने इस बारे में खुली घोषणा की। कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के ओर से इस बारे में पत्र जारी किया गया है। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के अध्यक्ष पीसी जोशी की ओर से जारी किये गये पत्र में अंकिता और जगदीश चंद्र के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा देने और 2 अक्टूबर को काला दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई है।
आप का समर्थन मिला
जन संगठनों के इस बंद को सत्ताधारी भाजपा के साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी समर्थन नहीं दिया था। हालांकि फ्राइडे को आम आदमी में पार्टी ने अंकिता हत्याकांड के विरोध में दून में प्रदर्शन किया था। पार्टी के कुछ नेताओं ने निजी तौर में आंदोलन को समर्थन दिया हैे, लेकिन पार्टी स्तर पर ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है।