-रेरा ने 45 दिन के भीतर पीडि़त को फ्लैट देने या व्याज समेत रकम लौटाने के आदेश

देहरादून (ब्यूरो): स्थिति तो यहां तक पहुंच रही है कि बिल्डर्स तीन से लेकर चार-चार वर्षों तक फ्लैटों पर कब्जे दे रहे हैं। थके-हारे ग्राहक मजबूर होकर रेरा की शरण में जाने को तैयार हैं। थर्सडे को हेयरिंग के दौरान रेरा ने ऐसे ही एक मामले में सुनवाई की। फ्लैट देने में लेटलतीफी पर अथॉरिटी ने सिक्का इंफ्रॉ प्लेनेट प्राइवेट लिमिटेड को 1 करोड़ रुपये पर 10.75 परसेंट की दर से पिछला ब्याज तक भुगतान करने के आदेश दिए। दून में ग्राहक के साथ इस तरह का व्यवहार करने वाला ये अकेला बिल्डर नहीं है। रेरा में 50 से अधिक बिल्डरों के खिलाफ ऐसे ही मामले चल रहे हैं।

अक्टूबर 2020 में बुक कराया था फ्लैट
थर्सडे को उत्तराखंड रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) की ओर से जारी आदेश के मुताबिक ओल्ड सर्वे रोड दून निवासी गीतांजलि ने सिक्का बिल्डर की राजपुर रोड स्थित सिक्का ङ्क्षकग्स्टन ग्रीन आवासीय परियोजना में फ्लैट बुक कराया था। तब से लेकर अब तक करीब तीन साल से अधिक का वक्त हो गया है। लेकिन, पीडि़ता को फ्लैट नसीब नहीं हो पाया। परेशान व हताश पीडि़ता लगातार बिल्डर के चक्कर काटने को मजबूर है। लगातार प्रयासों के बाद भी जब कोई राहत नहीं मिली, तो ग्राहक ने रेरा में अपनी शिकायत दर्ज कराई।

1.49 करोड़ बुक कराया था फ्लैट
ओल्ड सर्वे रोड दून निवासी गीतांजलि ने अक्टूबर 2020 में 1.49 करोड़ मेें फ्लैट बुक कराया था। तब फ्लैट पर अप्रैल 2021 तक कब्जा देने की बात कही गई थी। इसके एवज में बिल्डर को ग्राहक ने एक करोड़ रुपये का भुगतान भी कर दिया गया। लेकिन, तय समय के भीतर फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया।

थक हार पहुंची रेरा अथॉरिटी
बिल्डर की मनमानी से थक हार कर आखिर में गीतांजलि ने रेरा में अपनी शिकायत दर्ज कराई। प्रकरण की सुनवाई करते हुए रेरा सदस्य नरेश सी मठपाल ने पाया कि बिल्डर तय समय के भीतर कब्जा देने में असफल रहा है। इससे ग्राहक को भी मानसिक रूप से क्षति पहुंची है। फिलहाल, बिल्डर को तीन माह के भीतर फ्लैट देने के लिए आदेशित किया गया है। इसके अलावा पीडि़ता को ब्याज सहित रकम लौटाने के आदेश भी दिए गए हैं।

ब्याज समेत लौटाना होगा पैसा
आदेश में कहा गया है कि बिल्डर को न सिर्फ 45 दिन के भीतर फ्लैट पर कब्जा दिया होगा। बल्कि, मई 2021 से लंबित ब्याज का भुगतान भी 10.75 प्रतिशत वार्षिक दर से करना होगा। यदि तय समय के भीतर फ्लैट पर कब्जा नहीं दिया जाता है तो मूलधन को 10.75 प्रतिशत की दर से वापस लौटाया जाएगा।

मई 2021 से देना होगा ब्याज
ब्याज का भुगतान एक मई 2021 से फ्लैट पर कब्जा देने की अवधि तक किया जाएगा। वहीं, बिल्डर को कब्जा देने के लिए तीन माह का समय दिया गया है। बहरहाल, बिल्डर के सामने दोनों विकल्प खुला हैं या तो वह पीडि़ता को फ्लैट दे या फिर मूल रकम के साथ ब्याज समेत पैसा लौटाए, लेकिन पीडि़ता को इस समयावधि के बीच जो मानसिक कष्ट झेलना पड़ा, उसका क्षतिपूर्ति कैसे होगी। इस तरह बिल्डरों से एक नहीं अनेक लोग पीडि़त हैं। कई बार ऐसे मामले रेरा में आ चुके हैं।

कई बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी
बिल्डरों पर करोड़ों रुपए की पैनल्टी लगने के बाद भी इसमें सुधार नहीं हो पा रहा है। रेरा के आंकड़ों पर नजर डालें तो अकेले पुष्पांजलि इंफ्राटेक प्रा.लि। पर आरोप हैं कि उसने ग्राहकों का करीब 50 करोड़ से अधिक हड़प लिए। इस तरह कीकई कंपनियों के खिलाफ सैकड़ों शिकायतें रेरा में दर्ज हैं। ऐसे बिल्डरों पर रेरा की ओर से लगाम कसी जा रही है। बाकायदा, रिकवरी के लिए आरसी तक जारी की गई है। इससे बिल्डरों की मनमानी पर काफी हद तक रोक लगी है।

बिल्डरों पर दर्ज कंप्लेन पर एक नजर
वर्ष रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट शिकायतें
2017 145 -
2018 65 228
2019 61 248
2020 42 172
2021 31 140
2022 67 105
2023 71 70
कुल 482 963

पैनल्टी पर एक नजर
1.20
करोड़, हेक्टेयर वेरियलिटी वैंचर्स प्रा.लि।
20.65
लाख, निशु कंस्ट्रक्शन प्रा.लि।
20.00
लाख, एमएनटी बिल्डकॉन
12.05
लाख, कल्पतरू हाउसिंग प्रा.लि।
10.65
लाख, आरए कंस्ट्रक्शन
8.67
लाख, शामिया इंटरनेशनल

इन बिल्डरों के खिलाफ ज्यादा कंप्लेन
-पुष्पांजलि इंफ्रॉटेक
-जीटीएम फॉरेस्ट लवाना
-कल्पतरु हाउसिंग प्रा.लि।
-सिक्का ङ्क्षकग्स्टन ग्रीन
-द कैपिटल
-रिवर वैली
-आरबीएस डेवलपर्स
-राजपुर ग्रीन
-हेक्टेयर वेरियलिटी वैंचर्स प्रा.लि।
-निशु कंस्ट्रक्शन प्रा.लि।
-एमएनटी बिल्डकॉन
-आरए कंस्ट्रक्शन
-शामिया इंटरनेशनल

बिल्डरों पर मनमानी के मामले लगातार आ रहे हैं। कंप्लेन को तत्काल निस्तारित कर पीडि़तों को राहत दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। कई मामलों में बिल्डरों पर रिकवरी के लिए भी आरसी भी जारी की जा रही है। इससे काफी अंकुश लगा है।
-रबिंद्र पंवार, चेयरमैन, रेरा, दून.