उत्तराखंड की बेटी ने पाकिस्तान का तोड़ा रिकॉर्ड
देहरादून, 13 जून (ब्यूरो)। डिफेन्स कॉलोनी निवासी मूल रूप से रुद्रप्रयाग की रहने वाली प्रिति ने पाकिस्तान का रिकॉर्ड तोड़ा। प्रीति के पिता राजपाल सिंह 2002 में जम्मू व कश्मीर में आंतकवादियों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। पिता की मौत के बाद भी मां के लिए बच्चों को संभालना मुश्किल था। प्रीति ने अपनी पढ़ाई पूरी की। प्रीति अपने पिता के रास्ते पर चलना चाहती थी। उन्होंने खुद को कमजोर नहीं होने दिया। मां ने भी हमेशा हौसला बढ़ाया। प्रीति ने मांउट किलिमंजारो पर तीन दिन में साइकिल से चढ़ाई कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले यह रिकॉर्ड पाकिस्तान की समर खान के नाम था। प्रिति नेगी अब दूसरे विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रही है। प्रिति माउंट एवरेस्ट में जाने की तैयारी कर रही है।


कई युवाओं के लिए बने सहारा
सेना में जाने के लिए युवा तैयारी तो करते हैं। लेकिन, वे अक्सर फिजिकल एग्जाम के दौरान फेल हो जाते हैं। ऐसे में पूर्व सैनिक चन्द्र मोहन सिंह पंवार उनका सहारा बने हैैं। जज्बा ऐसा कि सेना में बतौर नायक कार्यरत रहें चन्द्र मोहन सिंह अपनी पेंशन से बच्चों को सेना के लिए तैयार कर रहे हैैं। उनका कहना है कि वे फौज में पीटी इंस्ट्रक्टर थे। अक्सर उन्हें एग्जाम क्लियर करने के बाद फिजिकल टेस्ट में पिछड़ जाने वाले युवाओं को देखकर दुख होता था। जिसे देखते हुए इन्होंने फौज से रिटायर होकर अंडर प्रिविलेज यूथ को भर्ती की तैयारी कराने की सोटी। उत्तरकाशी के अपने पैतृक भूमि में इन्होंने सेंटर खोला। यहां युवाओं के ट्रेनिंग के लिए इन्होंने पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया। 2020 के बाद से ये लगातार युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं। इनसे ट्रेनिंग लेकर 150 से अधिक बच्चों का चयन हो चुका है। जिनमें पुलिस, सेना, बंदी रक्षक व अग्निवीर शामिल हैैं। देहरादून, पौड़ी, उत्तरकाशी, टिहरी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग से बच्चे ट्रेनिंग के लिए उनके पास पहुंचते हैैं।

एशिया में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी प्रतिभा
डालनवाला निवासी प्रतिभा थपलियाल मूल रूप से पौड़ी के यमकेश्वर ब्लॉक की रहने वाली है। प्रतिभा राज्य की पहली महिला बॉडी बिल्डर है। दो बच्चों की मां प्रतिभा थपलियाल को शुरू से बॉडी बिल्डिंग का शौक था। शादी के बाद बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी के बीच उनकी एक्सरसाइज छूट गई, जिससे उनका वजन बढऩे लगा। करीब तीन साल पहले उन्होंने बॉडी बिल्डिंग करने की शुरुआत करने की सोची। दो बच्चों के साथ घर की जिम्मेदारियों के बीच खुद को नेशनल चैंपियनशिप के लिए तैयार करना प्रतिभा के लिए आसान नहीं था। कड़ी मेहनत के बीच 41 वर्ष की उम्र में उन्होंने मध्य प्रदेश के रतलाम में 13 वीं नेशनल सीनियर महिला बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। अब वे एशिया और वल्र्ड चैंपियनशिप के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं। वे नेपाल और साउथ कोरिया में होने वाली एशिया और वल्र्ड बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी।
फोटो- दैनिक जागरण आईनेक्स्ट