देहरादून, (ब्यूरो): बेशक, दून शहर में मानसून सीजन ने सड़कों को बड़े जख्म दिए हैं। लेकिन, मानसून की विदाई के बावजूद अब तक न कहीं सड़कों की मरम्मत होते नहीं दिख रही है, न संबंधित विभागों की ओर से एक्शन प्लान पर चर्चा हो रही है। जबकि, सीएम पुष्कर सिंह धामी पहले ही सड़कों के मरम्मतीकरण के लिए समयसीमा निर्धारित कर चुके हैं। ऐसे में लोग आशंकित हैं कि क्या इस सीजन में इन सड़कों का निर्माण हो पाएगा। बहरहाल, सिटी में सड़कों की स्थिति ये है कि जहां पर नजर डालो, सड़कों पर गड्ढे दिख रहे हैैं।

सहारनपुर चौक से लाल पुल तक एक दर्जन गड्ढे

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से राजधानी में मौजूद सड़कों की असल स्थिति को लेकर स्पेशल कैंपेन के तहत खबर प्रकाशित की जा रही है। हो सकता है कि आपके इलाकों में भी सड़कों की कुछ ऐसी ही तस्वीर होगा। इसके लिए आप भी हमें अपने इलाके की तस्वीर शेयर कर सकते हैं। लेकिन, अंदाजा लगाया जा सकता है कि सहारनपुर चौक से लेकर लाल पुल तक करीब एक किमी के दायरे में करीब एक दर्जन से ज्यादा गड्ढे आसानी से देखे जा सकते हैं। जबकि, इस रोड पर पहले स्मार्ट सिटी का काम चल रहा था, अब पूरा हो चुका है। लेकिन, अब तक इस इलाके में सड़क का निर्माण काम शुरू नहीं हो पाया।

मातावाला बाग से पथरी बाग तक

इस सड़क की तस्वीर देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सड़क के क्या हाल होंगे। यहां पर देखने में आया कि करीब एक दर्जन स्थानों पर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं।

कौलागढ़ से बाजवाला तक

मानसून में ये सड़क कितनी ऊबड़-खाबड़ हो चुकी है, ये तस्वीर में दिख रहा है। दिन हो या रात, इस सड़क पर चलना किसी चुनौती से कम नहीं है। दोपहिया वाहन चालकों के लिए ज्यादा परेशानी है।

प्रेमनगर मुख्य मार्ग, त्यागी मार्केट

मुख्य बाजार की धड़कन कहे जाने वाली सड़क के ये हाल हैं। जहां से रोजाना सैकड़ों वाहन और लोगों की आवाजाही रहती है। यहां से गुजरने वाले वाहनों के कारण धूल उडऩा मानो यहां की पहचान हो गई हो।

रेलवे स्टेशन रोड

दून के रेलवे स्टेशन के पास संपर्क मार्ग के ये हाल हैं। यहां बारिश हो या फिर धूप। पिछले लंबे समय से ये सड़क ऐसी ही नजर आती है। सड़कों पर गड्ढृे सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन रहे हैं।

बरसात बीत गई, अब सड़क ठीक कर दो

कौलागढ़ से बाजावाला जाने वाले रोड पर राजधानी की सड़कों की तस्वीर बयां करने के लिए काफी है। बरसात का सीजन बीत गया है, लेकिन, सड़कों पर गड्ढे कब तक भरे जाएंगे, कहा नहीं जा सकता है। वहीं, इस सड़क से गुजरने वाले लोगों के साथ वाहनों की भी दशा खराब हो रही है।

-विनोद जोशी, सोशल एक्टिविस्ट

प्रेमनगर में कई इलाकों में सड़क की दशा खराब है। जबकि, मुख्य सड़क के हाल तो सबसे सामने हैं। बारिश हो जाए तो पानी जमा हो जाता है और धूप हो जाए तो गाडिय़ों के पीछे धूल उडऩा यहां की पहचान बन गया है। जिसको लेकर आम लोगों के साथ व्यापारी भी खासे परेशान हैं।

-गगन, प्रेमनगर

सरकार को सड़कों के हाल पर प्राथमिकता से फैसला लेना चाहिए। खासकर राजधानी में बारिश के कारण खराब हो चुकी सड़कों की मरम्मत करनी चाहिए। जिससे आम लोगों को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। कई बार शिकायतें भी की जाती हैं, लेकिन, विभाग गौर नहीं करते।

-सुरेंद्र ग्रोवर, प्रेमनगर।

10 दिन में खुली 400 सड़कें

सीएम पुष्कर ङ्क्षसह धामी के सख्त निर्देशों के क्रम में राज्य में अतिवृष्टि से बाधित सड़कों को ट्रैफिक के लिए खोलने को मशीनरी तेजी से जुटी हुई है। बताया गया है कि 10 दिनों बंद पड़ी 400 सड़कों को खोला जा चुका है। हालांकि, अभी भी कई जिलों में 81 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोलने के प्रयास जारी हैं। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार 14 सितंबर को राज्य में अतिवृष्टि के चलते बाधित सड़कों की संख्या 481 थी, जो मंडे को घटकर 81 तक पहुंच गई हैं। कहा, सड़कों को बड़ी तेजी से खोलने का काम चल रहा है। बुधवार को वह सभी जिलों के डीएम के साथ सड़कों की स्थिति की समीक्षा की जाएगी।

वर्तमान में जिलेवार बंद सड़कें

जिला----संख्या

देहरादून---2

चंपावत---15

पिथौरागढ़---14

चमोली---- 12

पौड़ी----9

रुदप्रयाग---8

नैनीताल---5

टिहरी---5

उत्तरकाशी---4

बागेश्वर---4

अल्मोड़ा---3

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