- महायोजना-2041 को लेकर पब्लिक से मांगे जा रहे हैं सुझाव और आपत्तियां
- पुराने मास्टर प्लान की खामियों को नए डिजिटल मास्टर प्लान से बाहर किए जाने का दावा
देहरादून (ब्यूरो): मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) और मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक दून की महायोजना-2041 के ड्राफ्ट को पब्लिक डोमेन में लाकर आम आदमी से सुझाव और आपत्तियां मांगी हंै। बाकायदा, इसके लिए तीन जगहों पर प्रदर्शनी लगाई गई है। जहां पर पहुंचकर कोई भी प्रस्तावित महायोजना का प्लान देखकर अपने एरिया का लैंडयूज, रोड और पार्किंग समेत अन्य सुविधाओं को लेकर सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। जिन्हें मास्टर प्लान में शामिल किया जाएगा। दरअसल, पुराने मास्टर प्लान में नदी-खालों और फॉरेस्ट का सीमांकन सही तरीके से नहीं दर्शाया गया है, जिससे शहर में अतिक्रमण बढ़ा है। नए मास्टर प्लान में ऐसी जगहों को सेटेलाइट के जरिए चिन्हित करके इस पर फोकस किया गया है।
यहां पर दर्ज कराएं आपत्तियां
डिजिटल मास्टर प्लान को देखने के लिए एमडीडीए, नगर निगम और डीएम दफ्तर में प्रदर्शनी लगाई गई है, जहां पर आकर कोई भी सुझाव और आपत्तियां दर्ज करा सकता है। जो दफ्तर नहीं आ सकते हैं वह ऑन लाइन माध्यम से मास्टर प्लान देख कर आपत्तियां दर्ज करा सकते हैं। यह प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है।
यहां लगाई गईं प्रदर्शनियां
-एमडीडीए
-नगर निगम
-डीएम ऑफिस
सेटेलाइट आधारित बेस्ड नया मास्टर प्लान
मुख्य ग्राम एवं नगर नियोजक एसएस श्रीवास्तव ने बताया कि प्रस्तावित महायोजना-2041 को सेटेलाइट मैपिंग के जरिए धरातलीय सर्वे कर सटीक जानकारियों के साथ तैयार किया गया है। इसे एमडीडीए के माध्यम से जनता के बीच रखकर आपत्तियां व सुझाव मांगे जा रहे हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद ही नए डिजिटल मास्टर प्लान को फाइनल टच दिया जाएगा।
अवैध निर्माण पकड़ में आएंगे
इस मास्टर प्लान की खास बात ये है कि शहर में अवैध निर्माण को इसके माध्यम से पकड़ा जा सकेगा। इसमें लैंडयूज धोखाधड़ी के चांस कम होंगे। दरअसल, प्रोपर्टी डीलर्स लोगों को नॉन एग्रीकल्चर लैंड को आवासीय दिखाकर बेच देते हैं, जो बाद में नक्शे के दौरान पकड़ में आता है। ऐसे में लैंडयूज आवासीय न होने पर लोग अवैध निर्माण को मजबूर होते है। इसे खासकर नए मास्टर प्लान में ध्यान में रखा गया है।
हर भवन का होगा की-नंबर
डिजिटल मास्टर प्लान में प्रत्येक भवन की का की-नंबर होगा। एक क्लिक करते ही की-नंबर से मकान की पूरी डिटेल सामने आ जाएगी। जिसमें लैंडयूज समेत सभी जानकारियों उपलब्ध होंगी, जिससे लोगों को इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा। बताया गया है कि 2041 तक की अनुमानित आबादी 25 लाख को ध्यामन में रखते हुए लगभग 50 प्रतिशत तक भू-उपयोग आवासीय श्रेणी में आरक्षित रखा गया है।
12 से 60 मीटर तक चौड़ी सड़कें
यूआरडीपीएफआई और अमृत की गाइड लाइन के अनुसार नए मास्टर प्लान में 12 मीटर से लेकर 60 मीटर तक रोड चौड़ी होनी प्रस्तावित हैं।
2025 में खत्म हो रहा पुराना मास्टर प्लान
राज्य बनने के पांच साल बाद वर्ष 2005 में दून का मास्टर प्लान बनाया गया था, जो 2025 तक लागू रहेगा। इस मास्टर प्लान में तमाम खामियां गिनाई गई है। खामियों के चलते पुराने मास्टर प्लान को हाईकोर्ट निरस्त कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट के स्टे पर यह मास्टर प्लान चल रहा है। पुराने मास्टर प्लान से अनियोजित निर्माण नहीं रूक पाया है, जिससे शहर की हरियाली गायब हो गई है। पुराने मास्टर प्लान की कमियों को सबक के तौर पर लेते हुए नए डिजिटल मास्टर प्लान में धरातलीय स्थिति दर्शाते हुए डिजिटल मास्टर प्लान को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
महायोजना-2041 की खास बातें
-37800 हेक्टेयर है टोटल प्लानिंग एरिया
-17916 हेक्टेयर है डेवलप्ड एरिया
-6952 हेक्टेयर है अनडेवलप्ड एरिया
-9872 हेक्टेयर एरिया है फॉरेस्ट
-3059 हेक्टेयर कैंटोनमेंट एरिया
प्रस्तावित प्रपोजल में शामिल
-58.43 परसेंट एरिया का है आवासीय उपयोग
-9.33 परसेंट है मिक्स एरिया
-4 परसेंट है कमर्शियल एरिया
-1 परसेंट इंडस्ट्रियल एरिया
-9.42 परसेंट एजुकेशन व हेल्थ
-5.98 परसेंट ग्रीन एरिया
-11 परसेंट सड़कें, ट्रांसपोर्टेशन
-0.34 प्रतिशत टूरिज्म
शहर के प्रस्तावित डिजिटल मास्टर प्लान को जल्द से जल्द जमीं पर उतारने की तैयारियां की जा रही हंै। इसके लिए लोगों के सुझाव और आपत्तियां मांगे गए हैं। कोशिश है, अधिक से अधिक लोगों की आपत्तियों-सुझावों को महायोजना-2041 में शामिल कर मास्टर प्लान को फाइनल टच दिया जाएगा।
मोहन सिंह बर्निया, सचिव एमडीडीए
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