देहरादून, (ब्यूरो): दून में चारों तरफ तारों का मकडज़ाल बिछा हुआ है। बिजली के तार से लेकर टीवी केबल्स की तमाम कंपनियों की टेलीफोन और इंटरनेट वायर्स दूनाइट्स के लिए जी का जंजाल बने हैैं। बिजली के खंभे तारों से अटे पड़े हैं। कहीं तारें झूल रही हैं, तो कहीं तारों के गुच्छे सड़क पर बिछे पड़े हैं, जिनसे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। इंडस्ट्रियल एरिया पटेल नगर से लेकर सहारनपुर रोड, जीएमएस रोड, घंटाघर, चकराता रोड, राजपुर रोड कांवली रोड, प्रिंस चौक स रिस्पना और बाईपास तक हर जगह तारों का राज कायम है। कई जगहों पर तारें इलीगल तरीके से खम्भों पर लगाई गई है, कई जगहों पर केबल्स सड़क पर बिखरी पड़ी है, जिनसे हर समय दुर्घनाओं की आशंका बनी हुई है। बावजूद इसके जिम्मेदार विभागों के अफसर चुप्पी साधे हुए है। इसका खामियाजा सिटी की करीब 8 लाख आबादी को भुगतना पड़ रहा है।

कब हटेंगे ये जाल

बिजली के खम्भों पर लटक रहे तारों के गुच्छे दून वासियों के लिए परेशानियों का सबब बने हुए हैं। सड़कों पर तार के ये गुच्छे दुर्घटनाओं को ही आमंत्रण नहीं दे रहे, बल्कि ट्रैफिक को भी बाधित कर रहे हैं। कई बार पैदल आवाजाही करने वाले लोगों को तार रास्ता रोक रहे हैं। यह तार एक-दो महीने के नहीं है, बल्कि वर्षों से झूल रहे हैं। ऑप्टीकल फाइबर केबल आने के बाद तारों की संख्या कई गुना बढ़ गई है।

इम्प्लीमेंट नहीं हो रही पॉलिसी

शहर में बिजली के एक-एक खंभे पर बिजली की कई-कई तारें गुजर रही है। इसके बाद पोलों से कई कंपनियों की तारें गुजर रही है। इलीगल और लटकती केबल्स के विरुद्ध कार्रवाई के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्ल्यू) पॉलिसी की गाइडलाइन के अनुसार सिटी में बिजली खंभों से वायर ले जाने को परमिशन देने की अनुमति दी गई। यूपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि पॉलिसी के तहत जुर्माने का स्पष्ट प्रावधान नहीं है। सुरक्षा और मॉनिटरिंग को लेकर भी स्पष्ट उल्लेख नहीं है। असमंजस के चलते कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है।

एन्फोर्समेंट की कमी बन रही रोड़ा

यूपीसीएल के अधिकारियों का कहना है कि कई बार इलीगल और झूलती वायर्स के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है। समय-समय पर अभियान चलाकर कई जगहों से बिना परमिशन के खम्भों पर लगाई गई केबल्स को काटा गया है। बताया कि कई बार केबल्स ऑपरेटर खुद केबल्स जोड़ लेते हैं। इसके लिए एन्फोर्समेंट की जरूरत होती है, जिस पर प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए।

पटेलनगर: लाल पुल चौक के पास होटल मैनेजमेंट कॉलेज के बाहर मैन रोड पर घोर लापरवाही बरती जा रही है। रोड पर मीटर बॉक्स का ढक्कन टूटा हुआ है। कभी राह चलते बच्चों ने इसे छेड़ दिया, तो बड़ा हादसा हो सकता है।

झंडा बाजार: थोक बाजार से लगे झंडा बाजार में बिजली के खम्भे पर ऐसा लग रहा है कि खम्भे पर तारों का जाल बुना गया हो। कौन सी तार लीगल है औन सी इलीगल। विभागों के लिए यह पता लगाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।

सहारनपुर रोड: शहर के सबसे व्यस्ततम सहारनुपर यहां पर चौक के पास बिजली के पोल पर कई तारें लटक रही हैं। केबल का गुच्छा जमीन तक टच हो रहा है। इससे आवाजाही करने वालों की राह अवरुद्ध हो रही है।

कांवली रोड: यहां भी जगह-जगह पर बिजली के पोल केबल से भरे पड़े हैं। कई जगहों पर वजन ज्यादा होने के चलते बिजली के पोल वजन नहीं झेल पा रहे हैं। ऐसे में इनसें कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

इस पर तत्काल एक्शन लें अफसर

पब्लिक के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो। ज्यादा लोड होने से कई जगह पर खंभे झुक गए हैं, जो सुरक्षा को लेकर खतरा बन सकते हैं। इस पर प्रशासन को तत्काल एक्शन लिया जाना चाहिए।

अभिजय नेगी, सोशल एक्टिविस्ट

शहर में बिजली के खंभों पर अधिकांश केबल्स इलीगल हैं। बगैर परमिशन के तारें मनमाने ढंग से लगाई जा रही हैं, कई केबल्स सड़क पर लटक रही हैं। जो हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं।

धीरज राणा

बिजली के खंभे तारों से भरे पड़े हैं। केवल परमिशन पर परमिशन देकर पैसे वसूली मकसद नहीं होना चाहिए। इलीगल केबल्स पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

आरिफ खान, व्यापारी

इलीगल तरीके से लगाई जा रही केबल्स खतरा बनी हुई है। बाजारों में तारों के जाल बिछाए गए हैं, पता ही नहीं चलता है कि ये तार किसलिए लगाए गए हैं।

चिराग गोयल

बिजली खंभों पर इलीगल केबल्स के खिलाफ कई जगहों पर कार्रवाई की गई है। कई बार केबल्स कंपनियां दोबारा वायर जोड़ देते हैं। इसके लिए इंफोर्समेंट की जरूरत पड़ती है। इस संबंध में प्रशासन से वार्ता कर कार्रवाई की जाएगी।

राहुल जैन, एसई (नगर), यूपीसीएल, देहरादून

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