देहरादून,ब्यूरो: भले ही सिटी में डेंगू के डंक से लोगों ने इस साल राहत की सांस ली हो। लेकिन, पिछले सालों के अनुभवों को देखकर ये नहीं कहा जा सकता है कि डेंगू का प्रकोप दोबारा नहीं आ सकता। डेंगू से बचाव के लिए सतर्कता जरूरी है, जिससे किसी को भी डेंगू के डंक का सामना न करना पड़े। वर्तमान समय में डेंगू काफी हद तक दून व आसपास के इलाकों में नियंत्रण में है। लेकिन, ऐसे ही सरकारी विभाग, जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और आम लोग डेंगू के प्रति अवेयर और सतर्क रहें तो आने वाले दिनों में भी डेंगू पर आसानी से नियंत्रण पाया जा सकता है। हालांकि, पीक सीजन में इस वर्ष भी डेंगू के कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन समय रहते प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने फॉगिंग, जागरूगता अभियान और घर-घर सर्वे पूरा कर इस पर काफी हद तक नियंत्रण पाया।
इस वर्ष अब तक 35 केस
डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की टीम ने अप्रैल से ही फॉगिंग व सेनेटाइजेशन शुरू कर दिया था। यही कारण है कि इस वर्ष डेंगू के मामलों में सुधार हुआ और अब तक केवल 35 डेंगू के मामले सामने आए। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार लगातार टीम की ओर से अब भी जांच की जा रही है।
अब तक की कार्रवाई
-घरों का सर्वे - 19, 22,005
-घरों को मिला लार्वा- 35177
-कुल कंटेनर सर्च - 95,45,266
-कंटेनर में मिला लार्वा - 91,269
-डेंगू जांच के कुल सैैंपल - 23106
-कुल पॉजिटिव केस - 35
ये इलाके हैं सेंसिटिव
-दिग्विजयपुरम कॉलोनी बंजारावाला
- इंदिरा नगर, सीमाद्वार
- रायपुर, मालदेवता रोड
- कुल्हान मानसिंह, सहस्रधारा रोड
- ऋषिविहार, नियर सीमाद्वार
- मंदाकिनी विहार
- मालसी डियर पार्क
- जाखन राजपुर रोड
- देहराखास
- प्रेमनगर
- बंजारावाला
- राजा रोड
- डोभालवाला
- आर्यनगर
-लोअर नेहरूग्राम
-पटेलनगर
- बद्रीपुर
इतनी टीम जुटी रही इस साल
डेंगू की जंग जीतने के लिए जहां एक ओर स्वास्थ्य विभाग की ओर से हॉस्पिटल्स में तैयारी की गई तो वहीं सर्वे के लिए भी टीम आशा वर्कर समेत वॉलिंटियर्स को नियुक्त किया गया। इन्होंने वार्डों में जाकर घरों का सर्वे किया और सर्च अभियान चलाया। इसी के साथ ही एक ही सीजन में कई-कई बार घरों का सर्वे कर लोगों को अवेयर किया गया, जहां कहीं भी पानी जमा मिला उसे गिराकर वहां पर दवा का छिड़काव किया गया। इसके साथ ही नगर निगम की टीम ने भी लगातार सर्वे कर डेंगू फॉगिंग कर लार्विसाइड का छिड़काव किया।
इस वर्ष अब तक की गई फॉगिंग
- निगम के सभी 100 वार्डों में की गई थी फॉगिंग।
- 100 छोटी, 7 बड़ी मशीनों से की गई फॉगिंग।
- हर वार्ड में 5-5 कर्मचारी किए गए थे नियुक्त।
कैसे होता है डेंगू
डेंगू वायरस एडीज प्रजाति के मच्छरों के काटने से लोगों में फैलता है। ये वही मच्छर है जो जीका और चिकनगुनिया वायरस फैलाते हैं। ये मच्छर आमतौर पर पानी रखने वाले बर्तनों में अंडे देते हैं, जैसे बाल्टियां, कटोरे, जानवरों के बर्तन, फूलदान। ये मच्छर रिहायशी इलाकों के आस-पास पनपते हैैं और उनके काटने से डेंगू फैलता है।
साल-दर-साल ऐसे बढ़ा डेंगू
साल 2016 के बाद से दो साल डेंगू के मामले कम आए लेकिन, 2019 में डेंगू के 4991 केस सामने आए। इस दौरान कई लोगों की मौत भी हुई। 2020 में डेंगू से बचाव के लिए विशेष अभियान भी चलाया गया, जिसके नतीजतन 2020 में जिले में डेंगू का कोई पॉजिटिव केस सामने नहीं आया। 2021 में डेंगू का डंक बढ़ा और पॉजिटिव केस 126 तक पहुंचे। 2022 में डेंगू के केस 1434 तक पहुंच गए। वहीं, वर्ष 2023 में यही डेंगू पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1201 तकपहुंची। इसे देखते हुए विभाग की ओर से कई विभागों को डेंगू के खिलाफ जंग में उतारा गया, जिसके बाद दून में नवंबर तक डेंगू के 2024 में 35 मामले ही सामने आए।
8 वर्षों का रिकॉर्ड
वर्ष - पॉजिटिव केस
2016 -1434
2017 - 366
2018- 314
2019- 4991
2020- 00
2021- 126
2022- 1434
2023 -1201
2024 (15 नवंबर तक) - 35
ये अफसर जुटे रहे डेंगू कंट्रोल में
जिला सर्विलांस अधिकारी
दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल
मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी
क्षेत्रीय निदेशक माध्यमिक शिक्षा
प्रिंसिपल पैरामेडिकल कॉलेज
डीएफओ
मुख्य कृषि अधिकारी
निदेशक शहरी विकास
जिला पर्यटन विकास अधिकारी
जिला पंचायत राज अधिकारी
महाप्रबंधक जिला उघोग केन्द्र
अध्यक्ष होटल संघ
अध्यक्ष निजी प्रयोगशाला संघ
अध्यक्ष आईएमए
जिला समन्वयक आशा कार्यक्रम
सचिव रेडक्रॉस सोसायटी
आरटीओ
हॉस्पिटल्स में की गई व्यवस्था
-सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए बने सैपरेट वार्ड।
-प्राइवेट हॉस्पिटल्स व लैबों को निर्देश जारी कर डेंगू जांच की दरें की गई थी निर्धारित।
-ब्लड बैंकों में ब्लड की उपलब्धता पोर्र्टल पर अपलोड करने के निर्देश।
-कंट्रोल रूम तैयार होने के साथ ही टोल फ्री नंबर भी किए गए जारी।
बेहतर व्यवस्था से रही राहत
डेंगू को लेकर तमाम विभागों की ओर से प्रयास किया गया। सभी विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सभी विभागों से समय-समय पर बात कर उन्हें अवेयर किया गया। कहीं भी लार्वा मिलने पर उसे नष्ट करने के लिए निर्देशित किया गया। इसके साथ ही कॉल सेंटर भी बनाए गए थे।
डॉ। संजय जैन, सीएमओ
अप्रैल माह के शुरुआत से ही लगातार डेंगू के बचाव को लेकर फॉगिंग व लार्विसाइड छिड़काव अभियान शुरू कर दिया गया था। इसके लिए बकायदा टीम बनाई गई। सभी वार्डो में फॉगिंग मशीन और बड़ी मशीन के माध्यम से लार्विसाइड का छिड़काव किया गया। यही कारण है कि इस बार डेंगू के मामलों में राहत रही। :-
डॉ। अविनाश खन्ना, नगर स्वास्थ्य अधिकारीdehradun@inext.co.in