देहरादून (ब्यूरो) इस ङ्क्षसचाई योजना से सौंग नदी पर कालूवाला-जौलीग्रांट ङ्क्षसचाई नहर के हेड का निर्माण, इस हेड निर्माण के बाद पांच गांव की लगभग 1800 बीघा कृषि जमीन को ङ्क्षसचाई के लिए बारह माह पानी उपलब्ध होगा। इससे पूर्व स्थायी हेड न होने से यहां हर वर्ष अस्थायी व्यवस्था करनी पड़ती थी। जो कि बरसात में नदी के तेज बहाव में बह जाती थी। बरसात में नदी का तल नहर से नीचा हो जाता था, जिसके चलते गर्मियों में खेतों में ङ्क्षसचाई का पानी नहीं पहुंचता था और किसानों की फसलें सूख जाती थीं। खास बात यह है कि भीषण गर्मी के चलते जहां नदियां सूख रही हैं वहीं इस लेक में 337 क्यूसेक पानी एकत्रित हो रहा है। इससे आस-पास के स्रोत भी रिचार्ज हो रहे हैं।

200 स्रोत आईडेंटीफाई
राज्य में 500 पेयजल योजनाएं व 200 सहायक नदियां गदेरों, प्राकृतिक स्रोत आदि को चिह्नित किया जा चुका है, जिसे पुनर्जीवित करने के लिए जन सहभागिता की मदद से कार्य कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज बांज के जंगल घट रहे हैं और चीड़ बढ़ता जा रहा है जो कि वनों में आग लगने का मुख्य कारण बन रहा है।

जन सहभागिता की अपील
डोईवाला के कालूवाला में फ्राइडे को स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) द्वारा नाबार्ड फंड से सिंचाई विभाग द्वारा तैयार इस योजना का सीएम सीएम पुष्कर सिंह धामी ने लोकार्पण किया। इस दौरान सीएम ने जनसहभागिता से ही यह मुहिम सफल हो सकती है। इसलिए हमें जल संचय जल संरक्षण के प्रयास तेज करने होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार जल संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति गंभीर है। कार्यक्रम के दौरान सीएम ने जल संरक्षण अभियान 2024 की मार्गदर्शिका का भी विमोचन कर पौधारोपण भी किया। इस दौरान सीएम ने जल की कमी को देखते हुए इसके संरक्षण के लिए सभी को आगे आने की अपील की है।

वाटर कंजर्वेशन पर जोर
ङ्क्षसचाई व जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने जल स्रोतों के संरक्षण पर जोर दिया। कहा कि पानी की उपलब्धता एक चुनौती बन रही है। इसलिए सरकार ने जल स्रोतों, धाराओं को सुधारने के लिए कार्य योजना बनाई है। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जंगलों की आग वनों के साथ ही मानवता को भी नुकसान पहुंचा रही है। इसमें कुछ शरारती तत्वों की भी भूमिका है। वनों को बचाने व उसके संरक्षण के लिए सभी को आगे आना चाहिए।

सीएम ने की ये घोषणाएं
सीएम धामी ने क्षेत्रीय विधायक बृजभूषण गैरोला के आग्रह पर सैनचौकी से जुडड़ी कालूवाला गांव मार्ग निर्माण की घोषणा की। इसके अलावा कालूसिद्ध मंदिर में झील के सुंदरीकरण की भी घोषणा की। वहीं डोईवाला महाविद्यालय में जल्द एमएससी, एमकाम की कक्षा शुरू कराने का भी आश्वासन दिया।

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