देहरादून, (ब्यूरो): पिछले तीन साल के आंकड़ें पर नजर डालें तो पुलिस की सतर्कता के कारण नशे की बरामदगी में उतार-चढ़ाव देखने को जरूर मिले हैं। जहां वर्ष 2021 में अकेले पुलिस ने करीब 8 करोड़ से अधिक के नशा की बरामदगी की। वहीं, वर्ष 2022 में ये आंकड़ा पौने पांच करोड़ तक सिमटा। लेकिन, गत वर्ष यानि 2023 में एक बार फिर इसमें उछाल देखा गया और 6.28 करोड़ के नशे का कारोबार पकड़ा गया।
केस 1-
9 जनवरी 2024, डोईवाला थाना व ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र में 225 ग्राम चरस व 2 पेटी शराब के साथ 3 तस्कर अरेस्ट।
केस 2-
8 जनवरी 2024 को कैंट व ऋषिकेश क्षेत्र में 2 पेटी शराब के साथ कई लीटर कच्ची शराब, स्मैक व चरस के साथ 5 अभियुक्त गिरफ़्तार हुए। तस्करी में स्कोडा कार भी सीज।
केस 3-
7 जनवरी 2024 को ऋषिकेश पुलिस ने अवैध शराब की सेल व तस्करी पर कार्रवाई की। चंद्रभागा पुल से एक आरोपी को गिरफ्तार किया।
केस 4-
5 जनवरी 2024, दून पुलिस ने 26 पेटी शराब के साथ 1 तस्कर को दबोचा। आरोपी कोतवाली ऋषिकेश का हिस्ट्रीशीटर शामिल रहा।
केस 5-
रायपुर पुलिस ने नशीले इंजेक्शन के साथ मुख्य पैडलर को दबोचा। आरोपी चिराग राठौर रखता था महंगे शौक, नशीले इंजेक्शन कारगी चौक से लाकर नशा लोगों को बेचता था।
केस 6-
लंबे समय से फरार चल रहे नशा तस्कर को पुलिस ने दबोचा। थाना सेलाकुई में पुलिस ने अपनी कार्रवाई के दौरान आरोपी नौशाद सहारनपुर का निवासी शामिल था।
केस 7-
4 जनवरी 2024, थााना सहसपुर में अवैध चरस के साथ 1 नशा तस्कर हुआ गिरफ्तार। आरोपी गगन सिंह झुग्गी झोपड़ी चुंगी के पास विकासनगर का निवासी था।
राज्य के पहाड़ी इलाके जिम्मेदार
सीएम पुष्कर सिंंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में ड्रग फ्री देवभूमि 2025 की शुरुआत भी की गई। इसी कड़ी में प्रदेश को ड्रग फ्री किए जाने के लिए पुलिस अपने स्तर पर प्रयास में जुटी हुई। बॉर्डर से लेकर संवेदनशील इलाकों में धरपकड़ जारी है। युवाओं के बीच पहुंचकर पुलिस के अधिकारी अवेयरनेस पर जोर दे रहे हैं। लेकिन, इसके बावजूद नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। जानकारों के मुताबिक स्मैक, हेरोइन, अफीम को छोड़ दिया जाए तो चरस, गांजा व भांग की सप्लाई के लिए राज्य के कुछ इलाके इसके लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार हैं। चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, बागेश्वर, चंपावत व पिथौरागढ़ जिलों से चरस, गांजा व भाग की सप्लाई ज्यादा है। इन्हीं जिलों से उत्पादन भी हो रहा है और यहीं के युवा मैदानी इलाकों तक सप्लाई भी कर रहे हैं। एक्सपट्र्स बताते हैं कि नशे के खात्मे के लिए यहीं से प्रशासन व पुलिस को प्रहार करने की जरूरत है।
दून में ये इलाके ज्यादा सेंसिटिव
-प्रेमनगर
-सहसपुर
-सेलाकुई
-ब्रह्मपुरी
-दीपनगर
-राजीवनगर
-रायपुर
-राजपुर
नशे के लिए ये सॉफ्ट टारगेट
-स्कूल
-कॉलेज
-इंस्टीट्यूशंस
-इंडस्ट्रीज एरियाज
-यूनिवर्सिटीज
-यूथ हॉस्टल
इनकी डिमांड सबसे ज्यादा
-चरस
-गांजा
-भांग
-डोडा पोश्त
-नशीले इंजेक्शन
-नशीले कैप्सूल
-हेरोइन
-ड्रग पेपर
-ब्राउन शुगर
वर्षवार मादक पदार्थों की बरामदगी
-वर्ष 2021
-कुल केस--634
-कुल आरोपी पकड़े गए--676
-कुल बरामदगी--8 करोड़, 49 लाख 5 हजार 529
मादक पदार्थों की बरामदगी
चरस-37 केजी 540 ग्राम।
स्मैक-5 केजी 119 ग्राम।
अफीम-3 केजी, 98 ग्राम।
गांजा-316 केजी, 739 ग्राम।
भांग-2 केजी 800 ग्राम।
डोडा पोस्त-60 केजी 515 ग्राम।
नशीली गोली-12986
नशीले इंजेक्शन-1126
नशीले कैप्सूल--7471
हेरोइन--1 केजी 277 ग्राम।
ब्राउन शुगर--5.5 ग्राम।
वर्ष 2022
-कुल केस--495
-कुल आरोपी पकड़े गए--511
-कुल बरामदगी--4 करोड़ 65 लाख 89 हजार 980
मादक पदार्थों की बरामदगी
-चरस-3399800 ग्राम।
-स्मैक-38799900 ग्राम
-अफीम-10820 ग्राम
-गांजा-3244395 ग्राम
-डोडा पोस्त-700000 ग्राम
-नशीली गोली-95625 ग्राम
-नशीले इंजेक्शन-49400
-नशीले कैप्सूल--290040
वर्ष 2023
-कुल केस--351
-कुल आरोपी पकड़े गए--406
-कुल बरामदगी--6 करोड़ 28 लाख 67 हजार 188
मादक पदार्थों की बरामदगी
-चरस-4674100 ग्राम
-स्मैक-50699100 ग्राम
-अफीम-1221 ग्राम
-गांजा-4168898 ग्राम
-डोडा पोस्त-2606500 ग्राम
-नशीली गोली-65250 ग्राम
-नशीले इंजेक्शन-50400
-नशीले कैप्सूल--601720
दिसंबर माह 2023 में अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई
-कुल केस--53
-आरोपी गिरफ्तार--56
-अंग्रेजी शराब के केस--17
-देशी शराब के केस--32
-कच्ची शराब के केस--4
-वाहन सीजन--17
-कुल बरामदगी--18240.75 लीटर
-कुल मूल्य--73 लाख 74 हजार 350 रुपए।
ये बात सच है कि यंगस्टर नशे के सॉफ्ट टारगेट बन गए हैं। ऐसे युवाओं को प्रशासन या फिर पुलिस की ओर से पकड़े जाने के बाद जेल के बजाय पहले एक-दो राउंड में काउंसिलिंग हो जाए तो काफी सुधार देखने को मिल सकता है। लेकिन, नशे के कारोबार पर यकीनन सख्ताई की जरूरत है।
रवींद्र सिंह, चेयरमैन, कर्मा वेलफेयर सोसाइटी।
नशे की जो दून सहित प्रदेशभर में सप्लाई हो रही है। उसको जड़ से खत्म करने के लिए प्रशासन व पुलिस को सख्ताई बरतनी होगी। राज्य में जहां उत्पादन हो रहा है। उसी को खत्म करना होगा। इसके अलावा दूसरे राज्यों या जिलों से होने वाली सप्लाई के लिए बार्डर एरिया पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए।
शिवांग बिष्ट, एमडी, जीवन संकल्प।