देहरादून ब्यूरो। शीशमबाड़ा प्लांट में दिसंबर 2017 से देहरादून और मसूरी के साथ ही आसपास के क्षेत्रों को सॉलिड वेस्ट डंप किया जा रहा है। इस प्लांट की क्षमता 350 मीट्रिक टन कचरा डंप करने की है, लेकिन अब तक यहां लाखों टन कचरा डंप किया जा चुका है। नतीजा यह हुआ है कि शीशमबाड़ा प्लांट में अब कचरे का एक बड़ा पहाड़ खड़ा हो गया है। कचरे के पहाड़ से उठती बदबू से आसपास के लोग पिछले कई वर्षों से परेशान हैं। लोग कई बार सडक़ों पर उतरकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं।
आग लगने पर सवाल
पिछले दिनों स्थानीय विधायक सहदेव पुंडीर से लोगों के साथ मिलकर प्लांट के बाहर प्रदर्शन किया। विधायक ने कचरे में आग लगने पर सवाल उठाया। विरोध कर रहे लोगों का सवाल था कि प्लांट में बाहर के किसी भी व्यक्ति को जाने की इजाजत नहीं होती, ऐसे में यह आग कैसे लगी, इसकी जांच की जानी चाहिए। लोगों का यह भी आरोप है कि कचरे में जानबूझकर आग लगाई गई है, ताकि कचरा जलने के बाद आने वाले समय में यहां और कचरा डंप करने की जगह मिल जाए। इस बीच फिलहाल प्लांट के भीतर कचरे की गाडिय़ों की एंट्री बंद कर दी गई है। इससे सिटी के ट्रंचिंग ग्राउंडस में कचरे के ढेर बढऩे की आशंका बनी हुई है।
रायपुर के जंगल में आग
इस बीच बीती रात रायपुर के जंगल में आग लग गई। फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों ने मौके पर पहुंचकर कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि तब तक जंगल का काफी हिस्सा जल गया था। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार देहरादून जिले के विभिन्न रेेंज में हाल के दिनों में जंगलों में आग की 11 घटनाएं हो चुकी हैं। मसूरी रेंज में 2, अपर यमुना रेेंज में 6 और देहरादून रेंज में 3 घटनाएं दर्ज की गई है। इन घटनाओं 8880 रुपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया गया है।
राज्य में 273 घटनाएं
इस बीच राज्य में फॉरेस्ट फायर की घटनाओं में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। अब तक कुल 273 घटनाएं राज्यभर में हो चुकी हैं। इन घटनाओं में 334.32 हेक्टेयर वन भूमि जल गई है और 11,87,448 रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है।
हंगामा मेयर का घेराव
आग लगने के बाद अब शीशमबाड़ा प्लांट को हटाने की मांग फिर तेज हो गई है। प्लांट से अब भी धुआं निकल रहा और चारों तरफ फैला हुआ है। नाराज लोगों ने कूड़ा वाहनों को दूसरे दिन भी प्लांट में नहीं घुसने दिया। वाहन रोकने को लेकर थर्सडे सुबह हंगामे के बीच ग्रामीणों ने सांकेतिक जाम लगाया। मेयर सुनील उनियाल गामा को लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी। लोगों ने मेयर का घेराव कर नगर निगम के विरुद्ध नारेबाजी भी की गई। सहसपुर विधायक सहदेव सिंह पुंडीर, नगर आयुक्त अभिषेक रूहेला और एडीएम केके मिश्रा पुलिस क्षेत्राधिकारी दीपक कुमार भी वहां पहुंचे्र और लोगों को शांत कर जाम खुलवाया।