देहरादून, (ब्यूरो): यदि सब योजनागत ढंग से चला, तो जल्द ही दून के स्कूल स्मार्ट बन सकेंगे। स्कूलों से काले ब्लेक बोर्ड की जगह व्हाइट और चॉक की जगह मार्कर से पढ़ाई शुरू होगी। बच्चे टाटपट्टी की जगह बेंच-कुर्सी पर बैठेंगे। स्कूलों में लाइब्रेरी की सुविधा होगी, तो पीने के लिए स्वच्छ पानी, शौचालय व लाइट की भी उचित व्यवस्था होगी। स्कूलों में चारों तरफ फुलवारी होगी। जिससे स्कूल में एंट्री करते ही अलग ही माहौल दिखेगा। ये सब डीएम देहरादून की पहल पर संभव होगा। उन्होंने स्कूलों की व्यवस्था में सुधार का बीड़ा उठाया है। छुट्टी के दिन भी दफ्तर में डटे रहे। इस दौरान उन्होंने मीटिंग लेकर शिक्षा विभाग के अफसरों के पेच कसे। उन्होंने बच्चों को आसान और स्मार्ट तरीके पढ़ाने के निर्देश दिए।

रिप्लेस होंगे ब्लैकबोर्ड

तैनाती के बाद से ही डीएम सविन बंसल तमाम व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। अब डीएम ने स्कूलों की दशा सुधारने की तरफ कदम बढ़ा दिए हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दो टूक कहा कि कोई भी बच्चा जमीन पर बैठा न दिखे। इसके लिए फर्नीचर की समुचित व्यवस्था की जाए। साथ ही कहा कि चाक (कैल्शियम कार्बोनेट) वाले ब्लैकबोर्ड भी हटाए जाएं और इनकी जगह व्हाइटबोर्ड का प्रयोग किया जाए। क्योंकि, चाक के संपर्क में आने से च्च्चों को पेट दर्द, मतली, उल्टी, कब्ज, दस्त, एलर्जी आदि की समस्या हो सकती है।

सुविधाओं से लैस होंगे स्कूल

स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार को लेकर डीएम सविन बंसल संडे को अवकाश के दिन भी सक्रिय नजर आए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिए कि स्कूलों में सभी मूलभूत सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। बिजली और शौचालय की समुचित व्यवस्था की जाए। स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराते हुए पानी की टंकियों की मरम्मत के साथ ही समय पर सफाई आवश्यक है। विद्यालयों में बच्चों को पौष्टिक भोजन मुहैया करने के लिए भी जिलाधिकारी कड़े निर्देश जारी किए।

डिजिटल स्क्रीन व एलईडी लगेंगे

शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देश देते हुए डीएम ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में डिजिटल स्क्रीन अनिवार्य की जाए और प्रत्येक कक्षा कक्ष में कम से कम 2 एलईडी बल्ब लगाए जाएं। वर्चुअल क्लास के हिसाब से भी कक्षाओं को तैयार करने को कहा गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी कार्य में धन की कमी पैदा नहीं होने दी जाएगी। स्कूलों को हर तरह से स्मार्ट बनाने के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं और उन्हें शीघ्र स्वीकृति प्रदान की जाएगी।

गैप फंडिंग की खुद ली जिम्मेदारी

इस दौरान उन्होंने समग्र शिक्षा अभियान की गहन समीक्षा करते हुए गैप फंङ्क्षडग की जिम्मेदारी स्वयं पर लेते हुए कहा कि सभी कार्यों के लिए समय पर धन आवंटित किया जाएगा। बैठक में मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत, उप शिक्षा अधिकारी नगर, खंड शिक्षा अधिकारी विकासनगर विनिता कठैत, कालसी से निशा, सहसपुर से कुंदन ङ्क्षसह, उप शिक्षा अधिकारी डोईवाला धनवीर ङ्क्षसह बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

खेल को बढ़ावा देने को लगेंगे झूले

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा के साथ खेलकूद की गतिविधियों को भी बढ़ावा देने की डीएम ने जरूरत बताई है। स्कूलों में कम से कम एक आउटडोर स्पोर्ट्स सुविधा बनाने और खेल अवस्थापनाएं स्थापित की जानी चाहिए। इस दिशा में वालीबाल और बास्केटबाल सरीखे खेल बेहतर हो सकते हैं। क्लास फस्ट से लेकर 5वीं तक के बच्चों के लिए झूले, स्लाइड, खेल के विभिन्न साधन और कक्षा 6 से 12वीं तक के लिए खेल अवस्थापनाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए सीईओ को प्रस्ताव प्रस्तुत करने निर्देश दिए।

न्यूज पेपर, मैग्जीन व जीवनी पढ़ेंगे

डीएम ने प्रत्येक स्कूल में न्यूज पेपर, मैग्जीन, शब्दकोष के साथ ही महापुरुषों की जीवनी को भी अनिवार्य किया है। स्कूलों के सौंदर्यीकरण तथा कक्षाओं में ज्ञानवर्धक के साथही बच्चों आकर्षक पेंङ्क्षटग बनाने के भी निर्देश जारी किए।

सुविधाओं से जूझ रहे स्कूलों पर एक नजर

- लड़कों के शौचालय नहीं हैं 94 स्कूलों में

- लड़कियों के शौचालय नहीं हैं 55 में

- पेयजल सुविधा नहीं 35 में

- रैंप की सूचविध नही 144 में

- विद्युतीकरण नहीं है 60 में

- पुस्तकालय नहीं है 217 में

- खेल मैदान नहीं है 497 में

- जिले में कुल स्कूल हैं 1267

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