देहरादून,(ब्यूरो): हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट गुरुवार दोपहर एक बजे विंटर सीजन के लिए बंद हो गए हैं। कपाट बंद होने के दौरान 2800 से ज्यादा यात्री अंतिम अरदास के गवाह बने। इससे पहले निशान साहिब के वस्त्र बदले गए। इस वर्ष यात्रा सीजन के दौरान 1.84 लाख श्रद्धालुओं ने इन दोनों धाम में दर्शन किए। जबकि, ये संख्या गत वर्ष 2023 की तुलना में करीब 7 हजार ज्यादा बताई गई है।
समुद्रतल से 15,225 फीट ऊंचाई पर हैं ये धाम
चमोली जिले में समुद्रतल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित दोनों धाम के कपाट बंद करने की प्रक्रिया गुरुवार को सुबह से ही शुरू हो गई थी। इसके लिए धामों को 3 ङ्क्षक्वटल फूलों से सजाया गया था। कपाट बंद करने के कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए पंजाब से सतनाम सिंह के नेतृत्व में सेना के रिटायर्ड जवानों का बैंड और गढ़वाल स्काउट का बैंड सुबह घांघरिया से हेमकुंड साहिब पहुंचा था। सुबह साढ़े नौ बजे मुख्य ग्रंथी मिलाप सिंह व ग्रंथी कुलवंत सिंह के नेतृत्व में सुखमणि साहिब का पाठ हुआ। इसके बाद सुबह पौने बजे पुणे से आए अमित सिंह के जत्थे ने शबद-कीर्तन का गायन किया। इसके बाद दोपहर 12:15 बजे साल की आखिरी अरदास हुई और दोपहर 12:30 बजे हुक्मनामा पढऩे के बाद पंज प्यारों की अगुआई में गुरु ग्रंथ साहिब को सच्चखंड में विराजमान कर दिया गया। इस प्रकार से दोपहर एक बजे गुरुद्वारा साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट बंद किए गए। इससे पहले गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने इस बार यात्रा को सफल बनाने के लिए सभी संगत, शासन-प्रशासन और स्थानीय लोगों का आभार जताया।
हॉस्पिटल निर्माण का प्रस्ताव सौंपा
ट्रस्ट के अध्यक्ष ने बताया कि गोङ्क्षवदघाट में यात्रा सुविधाएं बढ़ाने के लिए शीतकाल के दौरान भी कार्य करने की बात कही। बताया, ट्रस्ट की ओर से ऋषिकेश में भी लंगर की व्यवस्था की गई है। एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध है। बिंद्रा ने कहा कि श्रद्धालुओं की ओर से दिए जाने वाले दान को ट्रस्ट सामाजिक व धार्मिक क्रियाकलाप में व्यय करता है। ट्रस्ट के मुख्य प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने कहा कि इस बार यात्राकाल के दौरान एक हजार से अधिक सेवादार श्रद्धालुओं की सेवा में जुटे रहे। उन्होंने ट्रस्ट के अध्यक्ष को यात्रा मार्ग पर एक मॉडर्न हॉस्पिटल के निर्माण का प्रस्ताव भी सौंपा।dehradun@inext.co.in