देहरादून, (ब्यूरो): गंगोत्री धाम के कपाट बंद करने का मुहूर्त तय हो गया है। धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर अभिजीत मुहूर्त में दो नवंबर को दोपहर 12.14 बजे पर बंद किए जाएंगे। जबकि, यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर तीन नवंबर को बंद होंगे। इसी दिन देवी यमुना की चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल खरसाली पहुंच जाएगी। इधर, माना जा रहा है कि इस बार 3 नवंबर को केदारनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। विजयदशमी के मौके पर इस बावत औपचारिक घोषणा होगी। बदरी-केदार मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी के मुताबिक बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि भी विजयदशमी के मौके पर तय हो सकती है।
यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या 40 लाख के पार
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री मंदिर के कपाट बंद करने की प्रक्रिया सुबह दस बजे मां गंगा का मुकुट उतारने की साथ शुरू होगी। इसके बाद निर्वाण दर्शन होंगे और मां गंगा का महाभिषेक किया जाएगा। इसके उपरांत हवन, पूजा-अर्चना के साथ मंदिर के कपाट बंद किए जाएंगे। बताया, इसी दिन मां गंगा की उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए चंडेश्वरी देवी मंदिर (मार्कंडेय मंदिर) और तीन नवंबर को शीतकालीन गद्दीस्थल मुखवा पहुंचेगी। जबकि, यमुनोत्री धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर आगामी तीन नवंबर को बंद होंगे। ऐसे ही बदरीनाथ व केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि का ऐलान शनिवार को विजय दशमी के मौके पर किया जा सकता है। इस प्रकार से अब चारधाम यात्रा के करीब तीन सप्ताह बाकी रह गए हैं। जबकि, अब तक चारधाम यात्रा पर पहुुंचने वाले यात्रियों की संख्या 40 लाख के पार पहुंच गई है। एक बार फिर आजकल मानसून के बाद यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। सरकार के आंकड़ों पर गौर करें तो 11 अक्टूबर को शाम साढ़े पांच बजे तक चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों की संख्या 18940 रही। इनमें हेमकुंड को छोड़कर गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम शामिल रहे।
चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्री
बदरीनाथ--1094571
हेमकुंड साहिब--183722
केदारनाथ--1324038
गंगोत्री--650166
यमुनोत्री--743423
कुल यात्री--4004479
यात्रा पर आए वाहनों की संख्या
चारधाम यात्रा पर आने वाले वाहनों की संख्या भी इस बार 473051 रही है। बदरीनाथ में 125434, हेमकुंड साहिब में 25937, केदारनाथ में 178108, गंगोत्री में 64327 और यमेनोत्री में 79245 रही।
यात्रा पर आए 243 यात्रियों की गई जान
इस बार चारधाम यात्रा पर आए 243 यात्रियों को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। जहां बदरीनाथ में 62, हेमकुंड साहिब में 10, केदारनाथ में सबसे ज्यादा 116, गंगोत्री में 16 और यमुनोत्री में 39 यात्री शामिल रहे। आंकड़ों पर गौर करें तो अकेले यात्रियों का स्वास्थ्य खराब होने से 231 यात्रियों को जान गंवानी पड़ी। इसके अलावा प्राकृतिक आपदा के कारण जहां 12 लोगों की मौत हुई। वहीं, 3 घायल हुए और अब तक 20 लोगों को कोई पता नहीं चल पाया।
प्राकृतिक आपदाओं ने भी कहर बरपाया
इस बार चारधाम यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदाओं ने भी राज्य में कहर बरपाया। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से जारी आंकड़ों के मुताबिक 15 जून से लेकर अब तक 82 लोगों की जान गई। जबकि, 37 लोग घायल हुए और 28 लोग मिसिंग हैं। इसके अलावा 232 बड़े और 292 छोटे पशुओं की हानि हुई। इसके अलावा 2953 घरों को भी नुकसान पहुंचा। ऐसे ही इनमें से 122 घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए।
रोड एक्सीडेंट से 76 लोगों की गई जान
15 जून से लेकर अब तक तमाम सड़क दुर्घटनाओं से 76 लोगों की मौत हुई और 321 लोग घायल हुए। इसी प्रकार से 3 लोग अब तक मिसिंग बताए गए हैं। सड़क दुर्घटना में सबसे ज्यादा रुद्रप्रयाग जिले की घटना रही। जिसमें 23 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि, दूसरे नंबर पर टिहरी रहा। जहां रोड एक्सीडेंट से 15 लोगों की जान चली गई।dehradun@inext.co.in