देहरादून (ब्यूरो) रायपुर एसओ प्रदीप नेगी ने बताया कि 22 अक्टूबर 2021 में थाने में स्टेट इंडियन मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ। डीडी चौधरी ने इस संबंध में कंप्लेन दी थी। जिसमें बताया कि नकरौंदा निवासी अनिल कुमार ने उत्कल यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर ओडिसा के नाम से एमबीबीएस की फर्जी डिग्री तैयार कर काउंसिल में अपना पंजीकरण करा लिया और फिर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग के उप जिला चिकित्सालय रुड़की में मेडिकल ऑफिसर के पद पर नियुक्ति पा ली। शिकायत पर केस दर्ज कर मामले की जांच की गई।

एक नजर
- आरोपी ने फर्जी एमबीबीएस की डिग्री बनाकर सरकारी हॉस्पिटल में हासिल की थी नौकरी।
- उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल की ओर से 2021 में दर्ज कराया गया था मामला।
- मामला दर्ज होने के बाद से आरोपी चल रहा था फरार।
- पुलिस ने कोर्ट से वारंट हासिल कर कराई थी प्रॉपर्टी की कुर्की।
- एसएसपी की ओर से आरोपी पर घोषित किया गया था 5 हजार रुपये इनाम।

फर्जी मिले प्रमाण पत्र, प्रॉपर्टी कुर्क
पुलिस की विवेचना में आरोपी अनिल कुमार की ओर से उत्तराखंड मेडिकल कांउसिल व उत्तराखंड आयुर्विज्ञान परिषद में पंजीकरण के लिए उपलब्ध कराए गए प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। आरोपी ने अनुचित लाभ हासिल करने की मंशा से एमबीबीएस की डिग्री कूटरचना कर तैयार की थी और इसे दर्शाकर काउंसिल में पंजीकरण करा लिया था। इतना ही नहीं आरोपी ने सरकारी नौकरी भी हासिल कर ली थी। केस दर्ज होने के बाद से ही आरोपी अनिल कुमार फरार हो गया। जिस पर पुलिस की ओर से दैनिक समाचार पत्रों के माध्यम से आरोपित को प्रस्तुत होने की सूचना दी गई, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुआ। जिस पर आरोपी के विरुद्ध कोर्ट से कुर्की वारंट प्राप्त कर पुलिस ने 10 मई 2022 को आरोपी के घर से चल संपत्ति की कुर्की की गई।।

हरियाणा से किया गिरफ्तार
आरोपी के फरार रहने पर एसएसपी देहरादून ने उसकी गिरफ्तारी पर पांच हजार रुपये इनाम घोषित किया था। रायपुर थाने की टीम लगातार आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास करती रही, मुखबिर तंत्र को सक्रिय कर पुलिस आरोपी के ठिकानों के संबंध में जानकारी जुटाती रही। आरोपी के हरियाणा में होने की सूचना पर पुलिस टीम रवाना हुई और बीते शनिवार को हरियाणा के करनाल से आरोपी अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।

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