देहरादून (ब्यूरो) यूईआरसी ने अब तक ऊर्जा निगम पर समय पर सर्विस प्रोवाइड न कराने पर 23 करोड़ रुपए की पैनल्टी लगाई है। यह बात अलग है कि निगम ने इसमें से 3 करोड़ रुपए जमा कराए हंै। खास बात यह है कि रेगुलेशन कमीशन ने बिजली व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए सख्त कदम उठाए हैं, बावजूद इसके ऊर्जा निगम पैनल्टी देने को तैयार है, लेकिन नियमों का पालन करने को तैयार नहीं है। निगम का कहना है कि फील्ड में कई बार आरओडब्ल्यू यानि राइट ऑफ वे में अड़चने आ रही हैं। निगम की माली हालात खराब है, ऐसे में निगम को इसमें राहत दी जाए।

कंज्यूमर्स को नहीं मिल रहा कंपनसेशन
ऊर्जा निगम को 15 दिन के भीतर कंज्यूमर को डोमेस्टिक बिजली कनेक्शन देना अनिवार्य है। 2020 में नियामक आयोग ने इस नियम को लागू किया है। 15 दिन बाद कनेक्शन जारी किए जाने पर कंज्यूमर्स की ओर से जमा किए पर रकम पर 5-5 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से यूईआरसी और संबंधित कंज्यूमर्स को कंपनसेशन देने का नियम है, लेकिन निगम नियम का पालन नहीं कर रहा है, जिससे निगम पर पैनल्टी की राशि बढ़ती जा रही है।

नियम लागू पर मुआवजा नहीं
15 दिन में कनेक्शन न देने पर कंज्यूमर ऑटोमेटिक मुआवजे का हकदार है। यह नियम वहीं लागू होगा जहां बिजली की नई लाइन नहीं बनाई जानी है। एचटी कनेक्शन के मामले में देरी से कनेक्शन जारी करने पर जुर्माना 500 रुपए प्रतिदिन के लेकर अधिकतम 1 लाख रुपए तक है। मुआवजे का नियम लागू है, लेकिन अभी तक कंज्यूमर्स को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

आवेदन पर ही मिलेगा कंपनसेशन
यूईआरसी के प्रभारी चेयरमैन एमएल प्रसाद ने बताया कि कंपनसेशन की कार्रवाई तभी होगी, जब कंज्यूमर्स की ओर से आवेदन किया जाएगा। कंपनसेशन राशि कैश नहीं मिलेगी, यह उपभोक्ता के बिल में एडजस्ट होगी। इसलिए उपभोक्ता समय पर सर्विस प्रोवाइड न होने पर कंपनसेशन के लिए यूईआरसी में अवश्य आवेदन करें।

इन सर्विस पर भी पैनल्टी
- नया बिजली कनेक्शन
- बिजली लोड बढ़ाने
- चेक मीटर लगाने
- पोल बदलने
- ट्रांसफार्मर बदलने
- लंबा पावर कट
- हर माह बिल न देने पर

अब तक 23 करोड़ पैनल्टी
कंज्यूमर्स को निर्धारित समय पर बिजली कनेक्शन जारी न करने पर जुलाई 2024 तक ऊर्जा निगम पर 23 करोड़ रुपए की पैनल्टी लग चुकी है। जिसमें से करीब 3 करोड़ जमा किए गए हैं, लेकिन 18 करोड़ अभी बकाया है, जिसे माफ करनी की निगम गुहार लगा रहा है। समय पर सर्विस न देने पर ऊर्जा निगम लगातार आयोग के निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है। निगम पैनल्टी देने को तैयार है पर अपनी कार्यशैली बदलने के तैयार नहीं है। इंटरनेट के दौर में हाईटेक होने के बाद भी निगम पुराने ढर्रे पर काम रहा है।

आयोग ने रखा फैसला सुरक्षा
ऊर्जा निगम प्रबंधन ने यूईआरसी से पैनल्टी माफ करने की पेशकश की है। इसके पीछे तर्क दिया है कि निगम की हालत माली है। ऐसे में पैनल्टी देने में वह समर्थ नहीं है। निगम ने दो हाथ आगे बढ़ते हुए अब तक जमा की गई पैनल्टी को भी आयोग से वापस देने को रिब्यू फाइल किया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए आयोग ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।

ऊर्जा निगम पर समय पर सर्विस प्रोवाइड न कराने पर करोड़ों की पैनल्टी बकाया चल रही है। पैनल्टी माफ करने को लेकर निगम की ओर स दायर रिब्यू पिटीशन पर सुनवाई कर दी गई। फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
एमएल प्रसाद, चेयरमैन, यूईआरसी