देहरादून (ब्यूरो) राज्य गठन से पहले यूपी के दौरान करीब 24 साल पहले नगर निगम ने तहसील चौके पास में लोगों व बच्चों के घूमने-फिरने के लिए निगम मुख्यालय के सामने पं। दीनदयाल पार्क का निर्माण किया था। समय बढ़ते गया और पार्क के हाल भी बद्तर होते गए। हालांकि, कुछ वर्ष पहले निगम की ओर से इस पार्क के लिए बजट का इंतजाम किया गया। इसकी मरम्मत की गई। यहां पर मिनी रेस्टारेंट की शुरुआत की गई। लाखों रुपए खर्च कर झूले लगाए गए। बैठने के लिए बेंच तैयार किए गए। हरे-भरे पेड़ की छांव में पार्क में पहुंचने वाले लोगों को सुविधाएं दिए जाने का दावा किया गया। लेकिन, वर्तमान में इसके हाल देखने लायक हैं। हां, यहां से गुजरने वाले लोगों को एकबारगी यहां बैठने के लिए खाली जगह मिल जाती है। लेकिन, नगर निगम के उदासीन रवैए के कारण कई बार लोग इस पार्क में जाने से भी कतराते हैं।

पार्किंग तक सिमटा दीनदयाल पार्क
अब निगम का ये पार्क महज पार्किंग के लिए सीमित रह गया है। हालांकि, ये पार्किंग पार्क के आउटर साइड होती है। लेकिन, लोगों की जुबां पर पार्क पार्किंग के लिए पहचान रख पा रहा है।

पाार्क की ऐसी नजर आती है बदहाली
-पार्क में बना फुटपाथ टूटे हुए।
-शाम ढ़़लते ही पार्क में छा जाता है अंधेरा
-पार्क में मौजूद किड्स के झूले टूटे हुए
-पार्क में महिलाओं के लिए बने टॉयलेट पर ताला।
-यहां मौजूद दो रेस्टारेंट लंबे समय से हैं बंद।

पास में मेडिकल कॉलेज
पार्क के पास में ही दून मेडिकल कॉलेज की ओपीडी बिल्डिंग संचालित होती है। जाहिर है कि पार्क के हाल बेहतर होते तो न केवल मेडिकल कॉलेज के ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों को लाभ मिलता। बल्कि, तीमारदार भी पार्क में पहुंचकर कुछ पल के लिए आराम फरमाते। लेकिन, नगर निगम को इसकी कोई परवाह नहीं।

रेस्ट्रो बंद, अब बना शो पीस
नगर निगम के दीनदयाल पार्क में यहां दो दुकानें बनी है। जिसे रेस्ट्रोरेंट के तौर पर चलाया जा रहा था। लेकिन, कुछ ही साल बाद यहां रेस्ट्रो को रिन्यु नहीं किया जा सका। इसकी शुरूआत नहीं की गई। जिसका खामियाजा पब्लिक को भुगतना पड़ रहा है।

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