देहरादून, (ब्यूरो) :
राजधानी दून के सौंदर्यीकरण की कवायद एक साल के भीतर ही बदरंग होने लगी है। दिसंबर 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए शहर की सड़कों को दुल्हन की तरह सजाया-संवारा गया था। सड़कों के किनारे व डिवाइडरों पर प्लांटेशन से लेकर साइन बोर्ड, दीवारों पर कला संस्कृति से लबरेज पेंटिंग्स की गई थी। इस पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए। लोगों को उम्मीद थी कि भविष्य में ब्यूटीफिकेशन की चमक और बढ़ेगी, लेकिन रिजल्ट इसके उलट रहा है। कई जगहों पर दीवारों पर पेंटिंग्स फीकी पडऩे लगी है। कहीं पेंटिंग के आगे कूड़ा फेंका जा रहा है, तो कहीं झाड़ी उग आई है।
शहर को पेंटिंग्स से चमकाने का यह प्रयास क्या सही है। इसको लेकर आप क्या कहेंगे।
सही है 44
गलत है 22
थोड़ा बहुत 33
बिल्कुल गलत 00
दीवारों से कई पेंटिंग्स का रंग उड़ गया है। कहीं झाड़ी उग आई, तो कहीं कूड़ा फेंका जा रहा। क्या इसका मेंटेनेंस होना चाहिए।
हां 60
नहीं 20
खराब हो रहा ब्यूटीफिकेशन 00
धन की बर्बादी को रोका जाए 20
शहर को सजाने का प्रयास सराहनीय है। क्या इसकी प्रॉपर तरीके से मॉनिटरिंग होनी चाहिए या नहीं।
हां 80
नहीं 00
मॉनिटरिंग सेल बनाई जाए 20
इस पर कार्रवाई हो 00
मेंटेनेंस न होने से पेंटिंग्स बदसूरत दिख रही है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
एमडीडीए 60
नगर निगम 20
जिला प्रशासन 20
पुलिस 00
जिम्मेदारी किसकी, किसी को नहीं पता
एक ही बरसात में कई पेटिंग्स दुर्दशा के कगार पर पहुंच गई है। कई पेंटिंग्स पर झाड़ी उग आई है, तो कई में काई जम गई। कहीं दीवार से पपड़ी निकल गई, तो कहीं पेंटिंग पूरी तरह नष्ट हो गई। इससे दीवारें बदरंग लगने लगी है। इसकी खैरख्वाह करने वाला कोई नहीं है। जिस तेजी के साथ वॉल पेंटिंग्स का काम किया गया, उसे तेजी के साथ इनके संरक्षण की जिम्मेदारी नहीं उठाई जा रही है।
इन सड़़कों को संवारा गया था
शहर में सौंदर्यीकरण का कार्य घंटाघर से लेकर बल्लूपुर, रिस्पना पुल, ङ्क्षप्रस चौक, आराघर, सर्वे चौक, सीएमआई, बुद्धा चौक, जौलीग्रांट एयरपोर्ट, सहस्रधारा रोड, थानो रोड, आशारोड़ी, प्रेमनगर, राजपुर रोड, हाथीबड़कला रोड
सरकारी धन की बर्बादी रोकी जाए
जी-20 के बाद इन्वेस्टर्स समिट पर 100 करोड़ से अधिक खर्च किया गया। फ्लावरिंग से लेकर प्लांटेशन, दीवारों पर चित्रकारी समेत सौदर्यीकरण से संबंधित कई कार्य किए गए। लेकिन संरक्षण के नाम पर सभी मौन हैं। जो बेहद चिंताजनक है।
हिक िक िकहि
जब कोई योजना बनाई जाती है उसी समय उसके मेंटेनेंस के लिए भी प्रावधान किया जाता है। क्यों एक अरब से अधिक के खर्च के लिए कोई मेंटेनेंस व मॉनिटिरिंग की योजना नहीं है। यदि ऐसा है तो यह धन की बर्बादी है।
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शहर में करोड़ों रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण कार्य किए गए। ज्यादातर कार्य एमडीडीए व नगर निगम की ओर से किए गए। इस पर संबंधित विभागों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। सरकारी धन को ऐसे बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा।
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इसके लिए प्रशासन भी जिम्मेदार है। प्रशासन को मामले का संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही विभागों की एक संयुक्त मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जानी चाहिए, जिससे इसकी नियमित रूप से देखभाल हो सके। खराब होने पर इसकी जानकारी प्रशासन तक पहुंच सके।
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100 करोड़ किए गए थे खर्च
इन्वेस्टर्स समिट के दौरान शहर के ब्यूटीफिकेशन के कार्यों पर लगभग 100 करोड़ से अधिक खर्च किए गए। शहर की सड़कों को खूबसूरत बनाने के लिए करोड़ों रुपए को काम किए गए। डिवाइडरों पर हरियाली के लिए फूलों के साथ ही फलदार पौधे लगाए गए थे। सड़कों पर ब्लैक टॉप किया गया था। दुकानों को एक रूप देने के लिए फसाड के तहत एक जैसे बोर्ड लगाए। सड़कों पर लैंडस्केपिंग से लेकर वॉल पेंटिंग, कलरफुल पेंटिंग्स की गई। दीवारों पर म्यूराल आट्र्स के जरिए बहुत ही खूबसूरती के साथ उत्तराखंंड की विरासतों को उकेरा गया। अकेले वॉल पेंटिंग पर 40 करोड़ खर्च किए गए थे।
यहां है खराब हालत में पेंटिंग्स
सीएम आवास रोड
राजपुर रोड
आईएसबीटी
हरिद्वार बाईपास रोड
चकराता रोड
मसूरी डायवर्जन रोड
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